- तीन दिन पहले ही खड़गपुर में रेलवे सेफ्टी का गुणगान करने वाले रेलमंत्री पीयूष गोयल के मुंह से नहीं निकले एक शब्द
अमिताभ कुमार, खड़गपुर
दक्षिण पूर्व रेलवे के हावड़ा-खड़गपुर सेक्शन पर शनिवार 3 अप्रैल को फलकनामा एक्सप्रेस की चपेट में आकर रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे तीन ट्रैंकमेंटेनरों की मौत हो गयी जबकि एक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. घटना बालीचक और दुआ स्टेशनों के बीच शनिवार की सुबह की है. रेल मंडल के बालीचक और दुआ स्टेशन के बीच सभी ट्रैक मैन लाइन पर सुबह के समय काम कर रहे थे अचानक लाइन पर मालगाड़ी आ गयी. यह देखकर सभी ट्रैक मैन मेन लाइन की ओर भागे लेकिन उस लाइन पर खड़गपुर की ओर जा रही फलकनामा एक्सप्रेस के चपेट में आ गये.
एक पहल में ही तीन जिंदगियों के साथ तीन परिवारों का सब कुछ उजड़ गया. रेलवे पटरी पर होने वाली मौतों को लेकर रेल प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जाता है कि बार-बार दी गयी चेतावनी के बाद भी संरक्षा को हर बार नजर अंदाज किया जाता है ओर ऐसा करने वाले भी रेलवे के आला अधिकारी ही होते है जिनके इशारे पर नियमों के विपरीत मरम्मत कार्य का अंजाम दिया जाता है. हालांकि यह सब ऐसे समय में हुआ है जब रेलमंत्री पीयूष गोयल ने तीन दिन पूर्व ही खड़गपुर की चुनावी सभा में रेलवे में सेफ्टी को लेकर काफी गुणगान किया था.
रेलमंत्री ने यहां तक दावा कि बीते दो साल की अवधि में एक भी यात्री की मौत दुर्घटना में नहीं गयी है तो अब सवाल यह उठता है कि क्या रेलकर्मियों की पटरी पर होने वाली होने वाली मौत संरक्षा और सेफ्टी के लिए गंभीर खतरा नहीं है? इस घटना के लिए जिम्मेदार कौन है? घटना के जिम्मेदार मौन क्यों हैं? आखिर दुर्घटना में मरने वाले बापी नायक, निपेन पाल और मानिक मंडल की मौत की जिम्मेदारी कोई लेगा अथवा इसे भी लापरवाही की चक्की में पिस दिया जायेगा. अभी गंभीर रूप से किशन बेसरा का इलाज खड़गपुर के अस्पताल में चल रहा है.
रेलवे में सेफ्टी को लेकर लंबे-चौड़े दावे करने वाले रेलमंत्री पीयूष गोयल के ट्वीटर हेंडल पर भी दुर्घटना को लेकर रेलकर्मी परिवार के लिए संवेदना का एक शब्द भी नहीं आया.
दुखद यह है कि एक दिन पहले शुक्रवार की रात बंडामुंडा में कार्यरत जेडी नायक (50) सीनियर टेक्नीशियन की आजाद हिंद एक्सप्रेस की चपेट में आने से मौत हो गयी. बुरी तरह से घायल टेक्नीशियत को अस्पताल पहुंचाया गया था लेकिन वहां उन्हें बचाया नहीं जा सका. हालांकि चक्रधरपुर मंडल रेल प्रबंधक डीआरएम वीके साहू ने मृत कर्मचारी के परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है लेकिन यह आश्वासन कोई नहीं दे रहा कि अब ऐसी घटनाएं नहीं होंगी और संरक्षा उपायों को किसी भी कीमत पर नजरअंजाद नहीं किया जायेगा.
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दिलचस्प बात यह है कि रेलवे में सेफ्टी को लेकर लंबे-चौड़े दावे करने वाले रेलमंत्री पीयूष गोयल के ट्वीटर हेंडल पर भी दुर्घटना को लेकर रेलकर्मी परिवार के लिए संवेदना का एक शब्द भी नहीं आया. उम्मीद की जाती है कि खड़गपुर मंडल रेल प्रबंधक काफी संवेदना और गंभीरता से घटना के कारणों की जांच करायेंगे और ऐसा कुछ प्रभावी दिशानिर्देश जारी किये जायेंगे जिनकी अनदेखी की जद में रेलकर्मी ही नहीं अधिकारी भी आ सकेंगे.