KHARAGPUR. भारतीय रेलवे के सभी 18 जोनों में यूनियनों की मान्यता लिए 4दिसम्बर से 6 दिसम्बर में चुनाव होने वाले हैं. यह चुनाव लगभग 11 वर्षो के पश्चात होने वाला है. चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है. भारतीय मजदूर संघ एवं भारतीय रेलवे मजदूर संघ से संबंद्धित रेलवे ट्रेड यूनियन दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ (डीपीआरएमएस) ने 23 अक्टूबर को दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के रिटर्निंग अधिकारी एवं प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी महुआ वर्मा को अपना नामांकन सौंपा.
इस अवसर पर डीपीआरएमएस के संरक्षक प्रहलाद सिंह, महामंत्री बलवंत सिंह, जोनल उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा, जोनल सहमंत्री सुनील कुमार मिश्रा, राजेश चक्रवर्ती, जोनल संगठन मंत्री पी. के. पात्रो, जोनल कार्यकारी सदस्य राजेश कुमार सिंह, खड़गपुर मंडल अध्यक्ष के. सी. मोहन्ती, खड़गपुर कारखाना सचिव पी. के. कुण्डु, शाखा सचिव जी. ललित कुमार, पी. श्रीनिवास राव, एस रवि कुमार, शाखा अध्यक्ष संतोष सिंह, शाखा सहसचिव रीतेश कुमार तथा सदस्यों में ओमप्रकाश यादव,आशीष नंद चौधरी, सौगत मल्लिक, सोनू लाल, इंद्रनील बोस आदि उपस्थित थे.
दरअसल डीपीआरएमएस ने 24 अक्टूबर को नामांकन के लिए प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी महुआ वर्मा को पत्र सौंपा था, लेकिन चक्रवाती तूफान दाना के कारण बहुत सारी ट्रेनें कैंसल कर दी गयी. इसी के मद्देनजर डीपीआरएमएस के शीर्ष नेतृत्व ने 23 अक्टूबर को नामांकन करने का फैसला लिया. इस अवसर पर महामंत्री बलवंत सिंह ने कहा कि दोनों मान्यता प्राप्त यूनियनें मजदूरों के हितों को दरकिनार कर कुर्सी का लड़ाई में व्यस्त हैं. डीपीआरएमएस ही अकेली ऐसी यूनियन है जो मजदूरों के हितों पर ध्यान दे रही हैं.
दोनों यूनियनों ने पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को दरकिनार कर दिया जबकि भारतीय रेलवे मजदूर संघ से संबंधित ट्रेड यूनियन डीपीआरएमएस अब भी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग पर अड़ी है जो कि मजदूरों की मांग है. जोनल उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा ने कहा कि डीपीआरएमएस के लिए मजदूरों की मांग ही सर्वोपरि रहती है क्योंकि डीपीआरएमएस का नारा है- राष्ट्र हित, उद्योग हित, मजदूर हित है. आने वाले चुनाव के लिए सभी कार्यकर्तागण उत्साहित हैं.