कोलकाता. दक्षिण पूर्व रेलवे को शून्य स्क्रैप रेलवे बनाना इस क्षेत्र के मिशन क्षेत्रों में से एक है. ट्रैक, वर्कशॉप, शेड, कोचिंग डिपो आदि के किनारे पड़ी अनुपयोगी सामग्री की बिक्री से मूल्य प्राप्त करने के लिए सभी संभागों और कार्यशालाओं द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. जीरो स्क्रैप जोन के मिशन को पूरा करने के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, दक्षिण पूर्व रेलवे ने चालू वित्त वर्ष (2021-22) के अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 की अवधि के दौरान 257 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड स्क्रैप बिक्री हासिल की है. स्क्रैप लॉट प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी ई-नीलामी प्लेटफॉर्म पर बेचे गए हैं. यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान हासिल की गई 151 करोड़ रुपये की स्क्रैप सामग्री की बिक्री की तुलना में है.
26257 मीट्रिक टन स्क्रैप रेल, 97167 प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट स्लीपरों की संख्या, 1045 निंदनीय वैगनों की संख्या, 67 खराब डिब्बों की संख्या, एक नंबर कंडम लोको और दो नंबर डीजल इंजनों को बेचकर 257 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया गया है. 872 मीट्रिक टन अलौह स्क्रैप, 16284 मीट्रिक टन लौह स्क्रैप और अन्य विविध वस्तुएं हैं. स्क्रैप सामग्री की बिक्री राजस्व सृजन में मदद करती है और रेलवे परिसर के बेहतर रखरखाव को बनाए रखने में भी मदद करती है.