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चेक–जबलपुर की ‘हमसफर’ नहीं बन पाई, खड़गपुर चली गई

रेलवे के रियायती फॉर्म में 'विकलांग' शब्द का नहीं होगा इस्तेमाल

जबलपुर. जबलपुर से पहली हमसफर स्पेशल ट्रेन चलने का सपना रेलवे बोर्ड ने तोड़ दिया है। जबलपुर से संतरागाछी के बीच चलने वाली हमसफर ट्रेन को अब जबलपुर नहीं, बल्कि खड़गपुर रेल मंडल चलाएगा। यह ट्रेन संतरागाछी से जबलपुर के बीच ही चलेगी, लेकिन इसका मेंटेनेंस और संचालन खड़गपुर मंडल करेगा। पिछले एक महीने से हमसफर स्पेशल के कोच जबलपुर स्टेशन के यार्ड में खड़े हैं। पहले इस ट्रेन को जबलपुर रेल मंडल से चलाया जाना था, लेकिन रेलवे बोर्ड से ट्रेन चलाने की डेट फाइनल नहीं हो पाई और अब इसे खड़गपुर रेल मंडल को सौंप दिया गया है।

क्या है हमसफर ट्रेन

रेलवे देश के कुछ खास रूटों पर हमसफर ट्रेन चलाएगा। इस ट्रेन के सभी कोच एलएचबी हैं। जो पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से बने हैं। इसमें लगे सभी रैक न तो स्लीपर हैं न ही जनरल, बल्कि सभी कोच फुल एसी हैं। जबलपुर के पास गरीबरथ के अलावा कोई दूसरी फुल एसी ट्रेन नहीं है। पश्चिम मध्य रेलवे की पहली हमसफर ट्रेन को जबलपुर से संतरागाछी (कोलकाता) के बीच चलना था।

यह थी योजना, फिर गया पानी

जबलपुर से संतरागाछी के बीच चलने वाली वीकली स्पेशल ट्रेन की जगह हमसफर ट्रेन को चलाना था। इसकी जिम्मेदारी पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल के ऑपरेटिंग विभाग को दी गई। इस ट्रेन को जबलपुर से हरी झंडी दिखानी थी, लेकिन रेलवे बोर्ड और पमरे के ऑपरेटिंग विभाग के बीच तालमेल नहीं बन पाया। इस वजह से ट्रेन रवाना करने की डेट ही फाइनल नहीं हो सकी। अब इसे खड़गपुर को दे दिया गया है।

मेंटेनेंस करने में उलझे अधिकारी

सूत्रों के मुताबिक ट्रेन के मेंटेनेंस को लेकर ऑपरेटिंग विभाग के बीच एकराय नहीं बन पा रही थी। दूसरी ओर जबलपुर से संतरागाछी के बीच चलने वाली हमसफर के रैक को जबलपुर से कोयम्बटूर के बीच भी चलाने की योजना थी, जो अब फिर ठंडे बस्ते में चली गई है। जबलपुर मंडल और पमरे के अधिकारियों की सुस्त कार्यशैली की वजह से इस ट्रेन को खड़गपुर डिवीजन को सौंप दिया गया है।

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