- ECRKU से संतोष कुमार तिवारी किया किनारा, नेतृत्व के निर्णय पर उठाये सवाल – कहा
- कर्मचारियों मुद्दों से दूरी और न्यू पेंशन स्कीम की लड़ाई में UPS के फैसले से हैं व्यथित
- उधर, NCRMU आगरा मंडल के धौलपुर ब्रांच के संयुक्त शाखा सचिव ने पद छोड़ा
PATNA. पूर्व मध्य रेलवे में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन से संतोष कुमार तिवारी ने किनारा कर लिया है. वह कर्मचारियों के मुद्दों से बनने वाली दूरी और यूनियन द्वारा न्यू पेंशन स्कीम की लड़ाई में UPS के फैसले से व्यथित थे. वरीय अनुभाग अभियंता के पद पर कार्यरत संतोष कुमार तिवारी यूनियन में कई अहम पदों पर दायित्वों का निवर्हन कर चुके हैं. यूनियन में शाखा पदाधिकारी सचिव, केंद्र में कार्यकारी अध्यक्ष, सहायक महासचिव और AIRF की वर्किंग कमेटी के सदस्य की जिम्मेवारी निभाने वाले संतोष कुमार ने अपने कदम से शीर्ष नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
संतोष कुमार तिवारी ने गुरुवार को आल इंडिया रेलवे फेडरेशन के पदाधिकारियों को पत्र भेजकर अपने कदम की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वह पूमरे में एकमात्र मान्यता प्राप्त संगठन ईसीआरकेयू में 29 वर्षों से सेवा दे रहे है. उन्होंने अनुशासित सिपाही के रूप में रेल मजदूर व संगठन की सेवा की. शाखा पदाधिकारी, सचिव, केंद्र में कार्यकारी अध्यक्ष, सहायक महासचिव व एआइआरएफ में वर्किंग कमेटी में रहे. यूनियन की मान्यता के चुनाव में दो-दो बार हजारों कैडर के साथ अपना सक्रिय योगदान दिया. लेकिन अब वह संगठन की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी जिम्मेदारियों को छोड़ रहे हैं.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में कैडर के मान-सम्मान को कुछ पदाधिकारी सत्ता लोलुपता के चलते खत्म कर रहे हैं. यूनियन में संविधान की हत्या की जा रही है. कर्मचारियों के मुद्दों से दूरी व न्यू पेंशन स्कीम की लड़ाई में यूपीएस जैसे फैसले लेने से से वे व्यथित हो गए है. इसलिए अब वह संगठन से दूरी बना रहे हैं. हालांकि वर्तमान में संतोष कुमार तिवारी किसी अहम जिम्मेदारी से दूर हैं.
आगरा में धौलपुर ब्रांच के संयुक्त शाखा सचिव टीएन मीना ने भी संगठन छोड़ा
उधर दूसरी ओर एनसीआरएमयू, आगरा मंडल के धौलपुर ब्रांच के संयुक्त शाखा सचिव टीएन मीना (त्रवेजी नारायण मीना) ने भी संगठन का टाटा कर दिया है. मंडल मंत्री को भेजे अपने पत्र में उन्होंने बताया कि वह संगठन में पिछले 5 वर्ष से काम कर रहे हैं. यूनियन की सदस्यता रसीद काटते समय एवं जनसंपर्क के दौरान कर्मचारियों की समस्यायों से रूबरू हुए और उन समस्याओं के समाधान के प्रयास का वादा किया.
कर्मचारियों की समस्याओं के समाधन हेतु शाखा मंत्री रामसिंह जी से निवेदन किया लेकिन उनके द्वारा कोई उचित एवं सन्तोष जनक जवाब आज तक नहीं दिया गया. शाखा मंत्री रामसिंह जी को धौलपुर ब्रांच के शाखा सचिव पद पर रहते करीब 30 वर्ष का समय गुजर गया, मैंने उनके साथ काम करने के दौरान प्रायः देखा है कि वे अब कर्मचारी हित में कार्य करने में पूर्ण रूप से निष्क्रिय हो चुके हैं. बावजूद उनसे पद की लालसा छोड़ी नहीं जा रही है. शाखा सचिव के कर्मचारी हित में कार्य नहीं करने से निराशा होकर वह यूनियन की प्राथमिक सदस्यता एवं पद से इस्तीफा दे रहे हैं.