- एलडीसीई को ओपेन टू ऑल करने व लंच सहित आठ घंटे ड्यूटी पर अड़े कर्मचारी
मुजफ्फरपुर. रेलवे की वर्तमान मान्यता प्राप्त दोनों फेडरेशन को विभिन्न संगठनों से लगातार चुनौती मिलने लगी है. रेलकर्मियों के बीच लगातार प्रभाव को गहरा कर रहे ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन एवं रेलवे मजदूर यूनियन के बैनर तले 28 जनवरी को रेलकर्मियों में डीआरएम कार्यालय पर शक्ति प्रदर्शन किया. अपने प्रदर्शन में यूनियन ने एलडीसीई को ओपेन टू ऑल करने के अलावा लंच सहित आठ घंटे का ड्यूटी रोस्टर, हार्ड एवं रिस्क भत्ता बेसिक का 30 प्रतिशत भुगतान करने, ट्रैकमेन का शोषण बंद कर उन्हें सम्मान देने के अलावा पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की आवाज बुलंद की. यूनियन की ओर से एडीआरएम को 48 मांगों का जो पिटारा थमाया गया है उसमें कई मांगें सामुदायिक सुविधाओं से जुड़ी है जिन्हें अब तक रेल प्रबंधक अनदेखी करता रहा है.
एडीआरएम से वार्ता के बाद एआईआरटीयू एवं आरएमयू के नेताओं ने सामुदायिक भवन सभाकक्ष में रेलकर्मियों को संबोधित किया. एआइआरटीयू के मंडल अध्यक्ष पंकज कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धनंजय कुमार, राष्ट्रीय महामंत्री अनुज शुक्ला ने ट्रैक मेंटेनर को रेलवे की रीढ़ बताते हुए चेतावनी दी कि प्रबंधन यह ध्यान रखे कि अगर रीढ़ बीमार हो गया तो पूरा शरीर यानि सिस्टम ही फेल हो जायेगा. इसके बावजूद रेल प्रबंधन उनकी बात का नहीं समझ रहा है जिसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते है. अनुज शुक्ला ने आर्थिक प्रमोशन की व्यवस्था में सुधार कर हर दो साल में ग्रेड पे में वृद्धि करने की वकालत की. यह भी कहा कि सेवानिवृति के समय कम से कम 46 सौ ग्रेड पे तो रेलकर्मियों को मिलना नही चाहिए.
ईसीआरएमयू के महामंत्री बीके सिंह ने रेलवे के मान्यता प्राप्त फेडरेशनों पर निशाना साधते हुए कहा कि यूनियन की गलती के कारण ही पुरानी पेंशन नीति खत्म हो गयी है. जिसे फिर से बहाल करने के लिए बड़ी लड़ाई की जरूरत आन पड़ी है. सभा में यूनिनयन के विनोद कुमार सिंह, पीके सिंह, राकेश कुमार, यूनियन के धीरेंद्र कुमार, अजय कुमार, अविनाश कुमार, अमित कुमार, राममूरत यादव, एनके दास, मनोज कुमार महतो, हरिशंकर कुमार, प्रवीण कुमार, टुनटुन मिश्रा, एनके मेहता, उत्तम दास, विपिन कुमार, संजीत कुमार, जय प्रकाश साह, मुरलीधर राम, प्रभात कुमार झा, सुधीर कुमार आदि शामिल थे. .