साथियों लाल सलाम! इन्कलाब जिंदाबाद! यलगार हो, कोटा केंद्रीय कार्यकारिणी के मीटिंग में जुलाई 15/16 से हंगर फास्ट और 17 जुलाई से हड़ताल का निर्णय हो गया है. दोस्तो ! इतिहास दोहराने का समय आ गया है और इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह हम सब बनने वाले है. दोस्तो सभी आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के सदस्य और मंडल पदाधिकारी हड़ताल की तैयारी में जुट जाये. समय बहुत कम है. दोस्तो, रनिंग स्टाफ का योगदान भारतीय रेल के परिचालन में अदभुत, अद्वितीय है. आप सोचिए भारी बरसात हो रही है आपको बुक आता है या उस वक्त आप सेक्शन में कहीं हो ठंड, हो, कड़क गर्मी, आप अपने कर्तव्य पथ से मुंह मोड़ते है क्या ? नहीं कदापि नहीं, तो रेलवे प्रशासन हमारे साथ ये अन्याय क्यों कर रहा है.
छठे वेतन आयोग को अनामाली, मुंबई नेशनल इंडस्ट्रीयल ट्रिब्यूनल में 2012 से लंबित है, वहां भी शुरुआत में रेलवे में टाल मटोल किया और अब 2015 से सरकार फैसला सुनाने वाले जज की ही नियुक्ति नहीं कर रही है. उसके बाद 2016 में सातवें वेतन आयोग में किलोमीटर भत्ता का निराकरण करने के मूड में नहीं दिख रही है. इसके अलावा पूरे भारतीय रेल में लोको रनिंग स्टाफ के साथ प्रताड़ना, दोयम दर्जे का व्यवहार और अफसरशाही का पहला अटैक हम पर ही होता है. आपको पता ही होगा कि इनकी तानाशाही के कारण हमारे कई साथियों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. दोस्तो कब तक हम यूनियन या प्रशासन के तलवे चाटने वाले दल्लो के भरोसे बैठेंगे. क्या हमारी ताकत मर गई है? क्या हमारी कोई औकात नहीं?कब तक ये सब सहते रहेंगे?
अपनी अस्मिता,अस्तित्व के लिए क्या हम एक योद्धा के भांति लड़ नहीं सकते. क्या हम डरपोक है, दोस्तो अगर पूरे भारत वर्ष में सभी लोको रनिंग स्टाफ ने ठान लिया कि सिर्फ 8/10 घंटे कहीं ट्रेन परिचालन बंद हो जाए, फिर देखिए. क्या लेकर आए है दोस्तो और क्या लेकर जाएंगे. दोस्तो नौकरी पाने के लिए बहुत मेहनत की है, अगर अपने हक अधिकार के लिए मारना ही है तो शान से मारेंगे. अब हड़ताल करके ही रहेंगे. अब ताली बजाने का समय नहीं रहा, यलगार का समय है. सफलता हमारी कदम चूमेगी इतिहास गवाह है, लोग बहादुरी की पूजा करते है,डरपोकों की नहीं. हम सब मिल कर युद्ध में उतरेंगे और जीत हमारी होगी. भुसावल मंडल में एक भी गाड़ी नहीं चलने देंगे. किसी के ऊपर कोई आंच नहीं देंगे. अगर किसी एक साथी के ऊपर कोई भी संकट आए आप उसे बचाने को आगे रहेगे. अपनी यूनिटी की कसम हमारे अलावा कोई दूसरा ट्रेन चला ही नहीं सकता कितना भी रेलवे कहे कि लोको पायलट, सहायक लोको पायलट हड़ताल पर गए तो हमारे पास प्रशिक्षित लोको पायलट है. किसी में दम नहीं कि अचानक आकर नांदगांव से समिटवर न गांव से बोदवड और खंडवा सेक्शन में गाड़ी 5000 हजार टन का चला सके.
पहले तो ऐसे गद्दारों को गाड़ी में चढ़ने ही नहीं देंगे. दोस्तो तैयार हो जाए. सभी सदस्यों और पदाधिकारियों से निवेदन है कि हर डिपो में जुलाई तक 2/3मीटिंग कर सारी तैयारी को शुरुआत जल्दी करे जिसे नोटिस देना है अभी से तैयार कर महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर, राज्यपाल, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, अपने अपने जिले के कलेक्टर, एसपी, डीएम, डिपो के थाना प्रभारी, तहसीलदार, डीआरएम, जीएम महोदय, टीआरपी प्रशासन, सी सीआरसीजी/पी सबको नोटिस दो. कोई नहीं बचना चाहिए. हमारी जीत अवश्य होगी. इसी आशा और विश्वास के साथ को हड़ताल करना हमारी फितरत नहीं, रेल के विकास, सुरक्षित, संरक्षित परिचालन और देश के विकास में हमारी भागीदारी है. हमने कहां नहीं, नीव के पत्थर है हम मिटना जानते है, हमे मजबुर न करो जहां अपनी अधिकार, अस्तित्व, अस्मिता, इज्जत और सुरक्षित विरासत की बात होगी मां कसम,छोड़ेंगे नहीं. रनिंग स्टाफ है हम ट्रेन चलने पर किसी के बाप से नहीं डरते हम, लोको रनिंग स्टाफ हम ,गर्व है हमे.
जय हिन्द, इन्कलाब जिंदाबाद, लाल सलाम, रनिंग यूनिटी जिंदाबाद, AILRSA जिंदाबाद,कामरेड एमएन प्रसाद जिंदाबाद.
अमन सत्या सोनी के फेसबुक से सभार