New Delhi.कांग्रेस ने पिछले सप्ताह जारी एक कथित आधिकारिक आदेश का हवाला देते हुए रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगा ‘प्रतिबंध’ हटा लिया गया है. कांग्रेस नेताओं द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए कथित आधिकारिक आदेश की सत्यता का फिलहाल पता नहीं चल सका है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी आदेश का स्क्रीनशॉट साझा किया और कहा कि 58 साल पहले जारी एक ‘असंवैधानिक’ निर्देश को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वापस ले लिया है.
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा नौ जुलाई को जारी एक कार्यालय ज्ञापन साझा किया, जो आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है. उक्त आदेश में कहा गया है, ‘उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए.
सरकार का जारी पत्र
आदेश की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में रमेश ने कहा, ‘फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘1966 में आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था. यह 1966 में प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है.
रमेश ने कहा, ‘चार जून 2024 के बाद स्वयंभू नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है. नौ जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था.’ रमेश ने कहा, ‘मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.’ कांग्रेस नेता ने यह बात आरएसएस की खाकी निक्कर वाली पोशाक की ओर इशारा करते हुए कही, जिसे 2016 में भूरे रंग की पतलून से बदल दिया गया.
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