- गोरखपुर के तीन डिप्टी मैटीरियल मैनेजर, एक चीफ मैटीरियल मैनेजर सीबीआई की रडार पर आये
- रेलवे में कोई भी ठेका या टेंडर बिना कमीशन के अलॉट नहीं होता, भ्रष्टाचार की धार नीचे से ऊपर तक
GORAKHPUR. रेलवे में नीचे से ऊपर तक किसी तरह भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है इसका एक कड़ी गोरखपुर में सीबीआई की गिरफ्त में आये PCMM/NER केसी जोशी ने खोल दी है. केसी जोशी में सीबीआई अफसरों को पूछताछ में बताया कि किस तरह ठेका या टेंडर में कमीशन का खेल चलता है.
बिना कमीशन दिये कोई भी ठेका या काम अलॉट नहीं होता. उसने बताया कि इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक के अफसरों का कमीशन होता है. इस तरह केसी जोशी के बयान के बाद सीबीआई (CBI) के रडार पर कमीशनखोरी के खेल से जुड़े गोरखपुर के तीन डिप्टी मैटीरियल मैनेजर और एक चीफ मैटीरियल मैनेजर भी आ गये हैं. इनसे जल्द ही सीबीआई की टीम पूछताछ कर सकती है.
पूर्वोत्तर रेलवे के PCMM केसी जोशी ने मांगी सात लाख की रिश्वत, सीबीआई ने पांच लाख लेते पकड़ा@nerailwaygkp@gmner_gkphttps://t.co/pHajnuESJ3 pic.twitter.com/9ltkSbxqmG
— Railhunt (@railhunt) September 12, 2023
CBI की टीम ने करप्ट PCMM केसी जोशी के नोएडा और गोरखपुर आवास से लगभग 2.61 करोड़ रुपए कैश बरामद करने की पुष्टि की है. सीबीआई को कई कागजात भी मिले हैं. केसी जोशी 1988 बैच के इंडियन रेलवे स्टोर सर्विस (IRSS) अधिकारी है. वह NE रेलवे गोरखपुर में चीफ प्रिंसिपल मैटीरियल मैनेजर के पद पर तैनात था.
CBI की टीम ने कार्यालय व आवास से कंप्यूटर व हार्ड डिस्क को जब्त कर लिया है और बुधवार को केसी जोशी को लखनऊ ले गयी. उसे CBI की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जायेगा. बताया जाता है कि CBI केसी जोशी को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करेगी.
मालूम हो कि गोरखपुर के अलहदादपुर निवासी ‘सूक्ति एसोसिएट फर्म’ के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी की शिकायत पर सीबीआई की टीम ने मंगलवार को छापेमारी कर PCMM केसी जोशी को पकड़ा था. बताया जाता है कि PCMM से मिलने CBI की टीम ठेकेदार बनकर गयी थी. CBI के कहने पर प्रणव ने कर्मचारी के जरिए रिश्वत के तीन लाख रुपए केसी जोशी के सरकारी बंगले पर भेजा. रिश्वत की रकम लेते ही पहले से मौजूद CBI की टीम ने उसे धर दबोचा.