- हजरत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर लाइसेंसी पोर्टर ने यात्री को व्हीलचेयर से प्लेटफॉर्म तक पहुंचाने के एवज में की थी वसूली
NEW DELHI. दिल्ली स्थिति हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर एक लाइसेंसी पोर्टर ने एनआरआई से 10 हजार रुपये व्हीलचेयर की व्यवस्था करने के एवज में वसूल लिया. रेलवे ने इसके लिए चार्ज निर्धारित कर रखा है. हालांकि शिकायत मिलने पर रेलवे ने तीन पोर्टरों का लाइसेंस रद्द कर दिया तो यात्री को अधिक वसूली गयी राशि भी वापस कराया. घटना 28 दिसंबर की है.
मामला हजरत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन का है. यहां रेलवे के लाइसेंसी पोर्टर ने एनआरआई यात्री को व्हीलचेयर से प्लेटफॉर्म तक पहुंचाने के एवज में 10 हजार रुपये वसूल लिया था. इसकी शिकायत की गयी और मामला डीआरएम, दिल्ली तक पहुंचा. इसके बाद तत्काल दोषी लाइसेंसी पोर्टर (कुली) का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई कर रेल प्रशासन ने व्यवस्था की नाकामी से पल्ला झाड़ लिया.
रेल प्रशासन ने अधिक वसूली के इस मामले में कुली से बिल्ला तो वापस ले लिया लेकिन जिम्मेदार दूसरे अधिकारियों पर कोई कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की. मीडिया में आयी सूचनाओं के अनुसार डीआरएम ने मामले में स्पष्ट टिप्पणी की है कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. डीआरएम दिल्ली ने इस मामले में दुख जताया और कहा कि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है.
डीआरएम ने माना कि इस तरह की घटनाएं रेलवे की छवि को धूमिल करती हैं और यात्रियों के विश्वास को कमजोर करती हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसे मामलों में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ऐसी किसी भी परेशानी होने पर यात्रियों से रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 पर संपर्क करने की अपील की.
क्या था मामला
लंदन में रहने वाली गुजरात के गांधी नगर की पायल 21 दिसंबर को पति सैमुअल, पिता रितेश और मां संध्या के साथ भारत भ्रमण के लिए दिल्ली पहुंचीं थी. हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर 28 दिसंबर की सुबह सभी को खजुराहो वंदेभारत एक्सप्रेस से आगरा जाना था. उनके साथ छह ट्राली बैग थे. पिता के लिए व्हीलचेयर मंगवाई. तीन कुलियों ने छह लगेज और पिता को प्लेटफार्म तक पहुंचाने के लिए 10 हजार रुपये वसूल किए. आगरा पहुंचने के बाद 30 दिसंबर को टैक्सी चालक अनिल शर्मा से बातचीत में धोखाधड़ी का पता चला तो कैंट थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया. पुलिस के दबाव में कुलियों ने रुपये वापस कर दिये. हालांकि इस बीच प्रशासन ने तीन पेार्टरों का लाइसेंस रद्द कर दिया है और तीनों से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है.
पोर्टरों ने कहा
एलपीआइ को दिए स्पष्टीकरण में तीनों कुलियों ने बताया कि खजुराहो वंदेभारत एक्सप्रेस से परिवार पहुंचा था. चार लोग थे और छह लगेज थे. एक बुजुर्ग के लिए व्हीलचेयर मंगाई थी. पैसों की बात होने पर उन्हें 10 हंड्रेड बताया था. ट्रेन में बैठने से पहले दंपती ने दस हजार अपनी खुशी से दिए. निर्धारित शुल्क से अधिक मिलने पर भी उन्हें तत्काल पैसे न लौटना हमारी गलती रही. बाद में जब जीआरपी के माध्यम से पता चला कि उन्होंने आपत्ति जताई है तो नौ हजार रुपये वापस कर दिए.