JAIPUR EXPRESS FIRING. जयपुर-मुंबई ट्रेन में RPF जवान द्वारा की गयी फायरिंग की घटना के बाद रेलवे बोर्ड स्तर पर कई बदलावों का निर्णय लिया गया है. अब RPF जवानों को सेमी ऑटोमेटिक और ऑटोमेटिक हथियार की जगह स्कॉटिंग में पिस्टल दिया जा रहा है. कई रेलवे जोन में ऐसा शुरू कर दिया गया है. हालांकि अब तक ऐसा कोई आदेश रेलवे बोर्ड से नहीं जारी किया गया है.
जयपुर एक्सप्रेस में आरपीएफ जवान द्वारा की गयी फायरिंग की घटना के बाद जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने गैरजरूरी स्थलों पर आरपीएफ जवानों को सेमी ऑटोमेटिक और ऑटोमेटिक हथियार नहीं देने की सलाह दी थी. कमेटी ने भी कहा था कि रेलवे यह तय करेगा कि कौन से ड्यूटी स्थल को जरूरी और गैरजरूरी श्रेणी में रखा जाये.
इसके बाद रेलवे ने वेस्टर्न रेलवे और सेंट्रल रेलवे में RPF जवानों को सेमी ऑटोमेटिक और ऑटोमेटिक हथियार स्कॉटिंग में नहीं देने की पहल की है. अब जवानों को स्कॉट के दौरान पिस्टल दिये जा रहे. हालांकि अब तक इसके पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है. यह माना जाता है कि सेमी ऑटोमेटिक और ऑटोमेटिक हथियार खतरनाक श्रेणी में आते है और इनसे एक ट्रिगर में 30 राउंड तक फायर किया जा सकता है.
अभी ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए RPF जवानों को AK-47 से लेकर ऑटोमेटिक हथियार दिये जाते हैं. जयपुर-मुंबई ट्रेन में फायरिंग की घटना के बाद दो जोन में आरपीएफ जवानों के हथियार बदले जाने की खबर है. दूसरे जोन में भी समीक्षा की जा रही है. यह माना जा रहा है कि RPF के उच्च अधिकारी समीक्षा के बाद अन्य जोन के लिए निर्णय लेंगे.
जयपुर एक्सप्रेस फायरिंग की जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी
जयपुर एक्सप्रेस में फायरिंग की जांच उच्च स्तरीय कमेटी कर रही है. यह कमेटी आने वाले समय में रेलवे जोन को लेकर रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट देगी. इसके बाद दूसरे जोन में आरपीएफ के दिये जाने वाले हथियार को लेकर निर्णय लिया जायेगा. जयपुर-मुंबई ट्रेन में हुई वारदात में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना से ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे. इसे लेकर रेलवे बोर्ड ने कई स्तर पर पहल की है. इसमें जवानों की काउंसेलिंग से लेकर दूसरी उपाय शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट
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