- डीआईजी अखिलेश चंद्रा ने सीनियरिटी तोड़कर प्रमोशन देने का लगाया आरोप
नई दिल्ली. रेलवे सुरक्षा बल में अपने सख्त व विवादास्पद निर्णय के लिए बल के अधिकारी व जवानों की आंखों की किरकिरी बन चुके डीजी आरपीएफ अरुण कुमार का एक निर्णय रेलवे बोर्ड चेयरमैन के गले की हड्डी बन गया है. सीनियरिटी को दरकिनार कर दिये गये प्रमोशन को प्रयागराज के डीआईजी अखिलेश चंद्रा ने नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट (एनसीएससी) में चुनौती देते हुए शिकायत दर्ज करायी गयी. अखिलेश चंद्रा की शिकायत पर आयोग ने डीजी आरपीएफ अरुण कुमार के साथ ही रेलवे बोर्ड चेयरमैन सुनीत शर्मा को तलब किया है.
इलाहाबाद प्रयागराज में पदस्थापित डीआईजी अखिलेश चंद्रा का दावा है कि आईजी के लिए प्रमोशन की वरीयता सूची में वह सबसे आगे थे जबकि उसे दरकिनार कर जूनियर को आईजी बना दिया गया है. जिसे आईजी बनाया गया है वह एसटीएससी से संबंधित नहीं है. ऐसा किये जाने से उनके मान सम्मान और प्रतिष्ठा पर चोट आयी है और यह दलितों का अपमान है. अखिलेश चंद्रा की शिकायत पर नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट (एनसीएससी) ने 27 अप्रैल को चेयरमैन और डीजी आरपीएफ को नई दिल्ली स्थित आयोग के समक्ष तलब किया है.
दोनों अधिकारियों को सुबह 11 बजे आयोग के सामने प्रमोशन के दस्तावेज के साथ उपस्थित होने को कहा गया है. आयोग का कार्यालय 5वीं मंजिल लोकनायक भवन, खान मार्किट, नई दिल्ली में है. आयोग ने डीजी आरपीएफ से अखिलेश चंद्रा और आईजी ने प्रमोशन दिये गये संबंधित के संबंधित दस्तावेज लेकर उपस्थित होने का आदेश दिया है.
आरपीएफ आईजी के पद पर प्रमोशन का यह मामला फिलहाल नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट (एनसीएससी) में पहुंच गया है. इसके चेयरमैन विजय सांपला इस मामले की सुनवाई करेंगे और फैक्ट को देखेंगे. आयोग का जो भी निर्णय इस मामले में आयेगा लेकिन स्थिति अब ” करे कोई भरे कोई वाली कहावत” वाली हो गयी है. डीजी आरपीएफ के निर्णय का खामियाजा भारतीय रेल के मुखिया चेयरमैन सुनीत शर्मा को कमिशन के सामने पेश होकर भुगतना होगा. देखना है आयोग इस पर क्या निर्णय लेता है.