- प्री-मेच्योर तबादले के बावजूद राउरकेला से सम्मानजनक विदाई पाने में सफल रहे
- चक्रधरपुर रेलमंडल में विवादास्पद रहा है एसके चौधरी का पूरा कार्यकाल
- 13 इंस्पेक्टरों को प्रोन्नति देकर बनाया गया एएससी, तबादला आदेश जारी
रेलहंट ब्यूरो, राउरकेला
चक्रधरपुर रेलमंडल में टाटा से लेकर राउरकेला तक कई बड़ी घटनाओं के केंद्र बिंदू रहे आरपीएफ के सहायक कमांडेंट एसके चौधरी को आखिरकार राउरकेला से चलता कर ही दिया गया. झारसुगुड़ा में मालगाड़ी से चावल उतारे जाने की बहुचर्तित घटना के बाद आईजी से लेकर सीनियर डीएसई पर आयी आंच से बच निकलने वाले सहायक कमांडेंट एसके चौधरी के लिए यह विदाई तो सम्मानजनक रही लेकिन वह यहां भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. एक साल चार माह में उनका तबादला भी प्री-मेच्योर ही माना जायेगा. उन्हें एनएफआर में पैसेंजर सेल का सहायक कमांडेंट बनाया गया है. उनकी जगह राउरकेला में राजीव उपाध्याय की पोस्टिंग की गयी है. फिलहाल राजीव उपाध्याय एनसीआर में हैं. इंस्पेक्टर से एएससी में प्रोन्नति के बाद उनकी पहली पोस्टिंग राउरकेला की गयी है. नयी तबादला सूची में इंस्पेक्टरों को सहायक कमांडेंट बनाया गया है.
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चक्रधरपुर रेलमंडल में सहायक कमांडेंट एसके चौधरी का पूरा कार्यकाल ही विवादस्पद ही रहा. टाटानगर में पोस्ट प्रभारी एमके सिंह के बीच के शक्ति प्रदर्शन में कई जवानों को बेवजह कार्रवाई का दंश झेलना पड़ा था. टाटानगर आरपीएफ पोस्ट में कस्टडी में युवक की मौत के दौरान भी एएससी एसके चौधरी की जिम्मेदारी नहीं तय कर तत्कालीन सीनियर कमांडेंट रफीक अहमद अंसारी ने दिलचस्प रूप से उन्हें सीधे क्लीन चिट देते हुए कोर्ट ऑफ इंक्वयरी की जांच टीम का मुखिया बना दिया था. इसे लेकर विभाग की खूब किरकिरी हुई. इसके बाद फरवरी 2019 में टाटा से चौधरी का तबादला गाजियाबाद 11 बटालियन में किया गया था लेकिन अपने जुगाड़ तंत्र के सहारे तमाम विरोध को दरकिनार कर एक बार फिर वह चक्रधरपुर रेल मंडल में ही राउरकेला में पोस्टिंग कराने में सफल रहे.
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यहां उनके कार्यक्रम में मालगाड़ी से चावल चोरी की बड़ी वारदात में झारसुगुड़ा इंस्पेक्टर एलके दास के निलंबन, आईजी एससी पाढ़ी और सीनियर कमांडेट डीके मोर्या तक का तबादला हो गया. तब ऐसा माना जाने लगा था कि डीजी आरपीएफ के अगले निशाने पर एएससी एसके चौधरी आ सकते है लेकिन तमाम रिपोर्ट के बावजूद एसके चौधरी अपने स्थान पर बने रहे. एक साल चार माह का कार्यकाल के बाद आखिरकार प्रशासनिक इंस्टरेस्ट में उनके तबादले का आदेश डीजी के स्तर पर जारी किया गया.