NEW DELHI. एक माह से अधिक समय ये रेलवे ट्रैक जाम करने वाले किसान आज से अपना धरना खत्म कर देंगे. इससे रेल यातायात सुचारू रूप से चल सकेगा. पंजाब, जम्मू, राजस्थान की तरफ जाने वाली ट्रेनें अब निर्धारित मार्ग पर चलेंगे. किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेताओं ने यह घोषणा की है.
रेलवे ट्रैक पर धरना समाप्त करने के बाद किसान आंदोलन का रूख दूसरी ओर मुड़ जायेगा. अब किसानों ने तय किया है कि 22 मई से पंजाब और हरियाणा के बीजेपी नेताओं के घरों के बाहर धरना देंगे. 23 मई को पटियाला में होने वाली बीजेपी रैली में किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछेंगे.
दरअसल, 17 अप्रैल से पटियाला के शंभू बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर किसानों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था. यह धरना कुछ गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई और MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किया गया था. 19 मई को किसानों ने 22 मई तक धरना स्थगित कर दिया था. आज चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने धरना खत्म करने का ऐलान किया.
किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम के गैर-राजनीतिक नेताओं ने 20 मई को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर ऐलान किया कि वे 1 महीने से ज़्यादा समय से जारी शंभू बॉर्डर रेलवे ट्रैक धरना खत्म कर रहे हैं. यह धरना 17 अप्रैल को शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य किसानों की विभिन्न मांगों को पूरा करवाना था, जिनमें MSP गारंटी, बिजली बिल माफी, डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर रोक और गिरफ्तार किसानों की रिहाई शामिल हैं. हालांकि, किसान नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि वे शंभू बॉर्डर पर डटे रहेंगे और 22 मई से पंजाब और हरियाणा के बीजेपी नेताओं के घरों का घेराव करेंगे.
किसान नेता सुखजीत सिंह खैरा ने मीडिया से कहा है कि 22 मई को किसान आंदोलन 2 के 100 दिन पूरे होने पर शंभू बॉर्डर, खनूरी, डबवाली और रतनपुरा में बड़े किसान सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. इन सम्मेलनों के बाद पंजाब और हरियाणा के बीजेपी नेताओं के घरों का घेराव किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि “हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी है. अब हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो हमारी मांगों को पूरा करेगी. 22 मई से हम बीजेपी नेताओं का घेराव करेंगे और उन्हें किसानों की समस्याओं का जवाब देने के लिए मजबूर करेंगे.”