Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

देश-दुनिया

रतलाम : 22 स्टेशन मास्टरों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद रतलाम-इंदौर सेक्शन पर ट्रेनें बंद

रतलाम : 22 स्टेशन मास्टरों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद रतलाम-इंदौर सेक्शन पर ट्रेनें बंद
  • 500 से अधिक रेलकर्मियों के संक्रमित होने के बाद 28 दिन का लगाया गया लॉकडाउन

इंदौर. कोरोना के संक्रमण का दायरा बढ़ते हुए उन रेलकर्मियों तक जा पहुंचा है जो जान हथेली पर रखकर देश में आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बहाल रखे हुए थे. रेलवे बोर्ड की सुस्त चाल के बाद चिकित्सा सुविधाओं को तरह से रेलकर्मी सभी जोन और डिवीजन में एक के बाद एक करके कोरोना की चपेट में आने लगे है. ताजा उदाहरण रत्माल रेलमंडल का है जिसमें एक ही साथ 22 स्टेशन मास्टरों के पॉजिटिव पाये जाने के बाद रतलाम-फतेहाबाद-इंदौर सेक्शन पर ट्रेनों के मूवमेंट को बंद कर दिया गया है. इसका असर स्पेशल ट्रेनों पर भी पड़ेगा.

यह तो सिर्फ एक उदाहरण है जहां तमाम सुरक्षा के बीच बड़ी संख्या में रेलकर्मी कोविड की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि सबसे खराब स्थिति रेलकर्मियों की चिकित्सा सुविधा और वैक्सीनेशन को लेकर जिस पर अब तक रेलवे बोर्ड स्तर पर भी गंभीरता नहीं दिखायी जा ही है. बड़ी संख्या में रेलकर्मियों की मौत के बाद रेलकर्मियों और उनके परिवार के लोगों में भय और दहशत की स्थिति बनी हुई है.

रेलवे के लिए यह सिर्फ चेतावनी है जबकि किसी सेक्शन पर रेलकर्मियों के बड़ी संख्या में संक्रमित होने के बाद लॉकडाउन की स्थित उत्पन्न हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर देश भर में विभिन्न जोन में उत्पन्न स्थिति की रेलवे बोर्ड ने जल्द से जल्द समीक्षा नहीं की तो इसके विपरीत और दूरगार्मी परिणाम भुगतने पड़ सके हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां बनाया गया मंडल का 44 वेड वाला कोविड अस्पताल पहले से फुल हो चुका है लिहाजा शहर के निजी अस्पतालों में रेलकर्मियों के इलाज की पहल की गयी है. अब तक मंडल के 45 स्टेशन मास्टरों के कोविड के चपेट में आने की बात कही जा रही है हालांकि यह संख्या सिर्फ ऑपरेटिंग से जुड़े स्टेशन मास्टरों की है. इसके अलावा दूसरे विभाग को मिलाकर सेक्शन में 500 से अधिक रेलकर्मियों के कोविड की चपेट में आने कही जा रही है.

आलम यह है कि रेल प्रशासन ने रतलाम-इंदौर सेक्शन पर 28 दिन का लॉकडाउन लगाते हुए सभी प्रकार के ट्रेनों के मूवमेंट को बंद कर दिया है. यह स्थिति 20 मई तक रहेगी. इसके बाद भी अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. रेल प्रशासन से मार्ग से चलने वाली अधिकांश ट्रेनों को टर्मिनेट कर दिया है जबकि कुछ को रद्द कर दिया गया है.

रेलवे के लिए यह सिर्फ चेतावनी है जबकि किसी सेक्शन पर रेलकर्मियों के बड़ी संख्या में संक्रमित होने के बाद लॉकडाउन की स्थित उत्पन्न हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर देश भर में विभिन्न जोन में उत्पन्न स्थिति की रेलवे बोर्ड ने जल्द से जल्द समीक्षा नहीं की तो इसके विपरीत और दूरगार्मी परिणाम भुगतने पड़ सके हैं. अलॉर्मिक हालात के बीच इसीआर में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. यहां पांच डिवीजनों में 2000 से अधिक रेलकर्मी कोरोना की चपेट में है, यह संख्या ट्रेन मूवमेंट ठप करने के लिए पर्याप्त है.

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे जोन / बोर्ड

रेलवे यूनियन चुनाव में OPS नहीं बन सका मुद्दा, UPS पर सहमति जताने वाले संगठन फिर से सत्ता पर काबिज  KOLKATTA/NEW DELHI. रेलवे ट्रेड...

रेलवे जोन / बोर्ड

हाईटेक रेल-कम-रोड निरीक्षण वाहन और अत्याधुनिक रेलवे ट्रैक हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम को अश्विनी वैष्णव ने देखा  कहा – अगले पांच वर्षों में सभी रेल...

न्यूज हंट

ROURKELA. हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग के राउरकेला स्थित कलुंगा रेल फाटक के पास मंगलवार 17 दिसंबर की रात करीब साढ़े नौ बजे एक भीषण रेल...

रेलवे जोन / बोर्ड

NEW DELHI. रेलवे यूनियनों की मान्यता के चुनाव में दोनों फेडरेशन (AIRF/NFIR) फिर से केंद्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने में सफल रहे हैं. ...