- रांची रेलवे स्टेशन में मां का आशीर्वाद स्टॉल के मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट ने रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर मां का आशीर्वाद साउथ इंडियन स्टॉल हटाने के मामले में दायर याचिका पर एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने स्टॉल से संबंधित निविदा मामले में अंतिम निर्णय लेने पर रोक लगा दी है. इस मामले में सीनियर डीसीएम निशांत कुमार अन्य अधिकारियों के साथ कोर्ट में उपस्थित थे.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने खंडपीठ को बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर मां का आशीर्वाद नामक साउथ इंडियन स्टॉल का संचालन लाइसेंसधारी कलावती देवी पति के निधन के बाद वर्ष 2000 से 20 जुलाई 2015 तक करती आ रही है. इस दौरान रेलवे के मानकों को पूरा किया गया है. 21 जुलाई 2015 को स्टॉल में प्रार्थी को बाहर निकाल कर ताला लगा दिया गया. इससे महिला के जीविकोपार्जन का एकमात्र सहारा छीन लिया गया. इसके चलते प्रार्थी पाई- पाई के लिए मोहताज हो गयी.
अधिवक्ता ने बताया कि तीन साल तक रेलवे अधिकारियों से अनुरोध करने के बाद भी न्याय नहीं मिलने पर झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. 14 मार्च 2024 को एकल पीठ ने आदेश पारित कर तीन माह के अंदर रेलवे को विचार कर नियमानुसार स्टॉल के लाइसेंस का नवीनीकरण करने को कहा था लेकिन रेलवे ने आदेश का पालन नहीं किया गया. स्टॉल आवंटन के रेलवे की पॉलिसी को आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने गलत बताया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनाैती दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश को सही ठहराया था.
वहीं केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की. अब हाईकोर्ट के निर्णय पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.