AJMER. अजमेर के एडीआरएम, इंफ्रास्ट्रक्चर बलदेव राम ने IRSTMU इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन मेंटेनर्स यूनियन के नेताओं का आश्वस्त किया कि वह S&T के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का प्रयास करेंगे. 27 जुलाई, 2023 को IRSTMU के राष्ट्रीय सलाहकार अब्बास अली के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगदीश बेनीवाल, मो. इस्माइल खान, अरविंद केन, बाला प्रसाद बंसल, टी पी शर्मा आदि ने एडीआरएम अजमेर से मिलकर सिगनल और टेलीकाम विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं को रखा.
एडीआरएम ने माना कि सिग्नल और टेलीकाम विभाग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव होता रहा है. कहाकि बीते दिनों की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि S&T के कर्मचारियों का काम कितना महत्वपूर्ण है. वह कर्मचारियों की मुलभुत समस्याओं का समाधान करेंगे. नाइट ड्यूटी फेलियर गैंग की स्थापना एक अहम मुद्दों में से एक है जो सीधे संरक्षित और सुरक्षित रेल परिचालन से जुड़ा हुआ है. इसलिए पूरा प्रयास किया जाएगा कि हम नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग की स्थापना हर यूनिट में कर सकें.
कर्मचारियों का मनोबल हमारी ताकत: सीनियर डीएसटीई
सीनियर डीएसटीई अजमेर से मिलने यूनियन नेता
सीनियर डीएसटीई, अजमेर ऐके झिंगोनिया ने कहा कि S&T कर्मचारियों के मनोबल को विभाग की ताकत बताया. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगदीश बेनीवाल ने बताया कि कर्मचारियों की कमी बड़ी समस्या है. अजमेर मंडल में कुल sanctioned कैडर 637 की जगह मात्र 552 कर्मचारी ही ऑन द रोल हैं. इस तरीके से 85 कर्मचारियों की कमी है. जब नया यार्ड स्टिक 2022 में आ गया है उसके अनुसार टोटल कैडर बिना नई पोस्ट सृजन किये 787 कर्मचारियों का होगा और इसके अनुसार 235 कर्मचारियों की कमी हो जाती है.
इसमें तकनीशियन की बात करें तो यह कमी आज की तारीख में 42 तकनीशियन कमी है जबकि टोटल तकनीशियनों का कैडर 232 sanctioned है जबकि मात्र 190 तकनीशियन ही उपलब्ध हैं. अब नए यार्ड स्टिक के अनुसार बिना पोस्ट क्रिएट किये 82 तकनीशियनों की कमी हो जाती है.
ये सब लगभग 25% कर्मचारियों की कमी है. मो. इस्माइल खान ने बताया कि यदि कोई भी कर्मचारी की कमी सिग्नल और टेलीकाम विभाग में होती है तो उसे जानबूझकर कुछ सालों तक खाली रखा जाता है और बाद में आर्थिक सुधारों के नाम पर उन पोस्टों को सरेन्डर कर दिया जाता है जबकि दूसरे विभाग के कर्मचारियों की कमी को तत्काल भर दिया जाता है. इस प्रकार दिन प्रतिदिन हमारी हालत खराब से खराब होती जा रही है.
अरविंद केन ने बताया कि जब किसी रोड साइड स्टेशनों पर फेलियर होता है तो हमारे लिए राजधानी जैसी ट्रेनें भी रुकवा दी जाती है पर फेलियर ठीक होने के बाद हमें वापस लौटने के लिए खाली मालगाड़ी भी नहीं रूकवाते और हम घंटों बिना किसी काम के रोड साइड स्टेशनों पर भूखे प्यासे बैठे रहते हैं.
इसके अलावा संगठन के राष्ट्रीय सलाहकार अब्बास अली ने बताया कि सिग्नल और टेलीकाम विभाग के आर्टेशियनों को ड्रेस अलाउंस तथा सेफ्टी आइटम नहीं दिये जा रहे हैं यह भेदभाव सही नहीं है. सिग्नल और टेलीकाम विभाग के आर्टेशियन भी मौसम की विपरीत परिस्थितियों में काम करते हैं और उन्हें भी सभी अलाउंस दूसरे विभाग के कर्मचारियों की तरह ही मिलने चाहिए.