अधिकारियों की खड़ी है फौज घटाये जा रहे निचले श्रेणी के कर्मचारी
दिल्ली. एक तरफ मोदी सरकार और रेलमंत्री रेलवे में 90 हजार से एक लाख तक की नई भर्तियों का ढिंढोरा पीटकर खूब वाहवाही लूट रहे हैं, तो दूसरी तरफ रेलवे में 10,840 रेलकर्मियों के पदों को समाप्त किए जाने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. कार्यकारी निदेशक (ईएंडआर), रेलवे बोर्ड विकास आर्य द्वारा 11 जून 2018 को को जारी यह आंकड़ा (टारगेट) सिर्फ चालू वित्तवर्ष 2018-19 के लिए है. यानि अब हर साल रेलवे में इतने या इतने से ज्यादा पद समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया. एक तरफ जहां रेलवे में अधिकारयो की संख्या अनाप-शनाप बढ़ी है, और उनको एडजस्ट करने के लिए कई विभागों में ‘म्यूजिक चेयर सिस्टम’ चलाया जा रहा है, वहीँ फील्ड में कार्यरत रेलकर्मियों की संख्या लगातार घटती जा रही है. इससे रेलवे सहित रेलयात्रियों की सुरक्षा-संरक्षा को जहां गंभीर खतरा पैदा होता जा रहा है, वहीँ इससे युवाओं का रोजगार भी छीना जा रहा है.
कहा यह जा रहा है कि खर्चों पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे ने कथित गैर-जरूरी पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया है. पूरी भारतीय रेल में 10,840 पदों को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित करके संबंधित जोनल रेलों को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है. ज्ञातव्य है कि लंबे समय से कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद उनके पदों पर भर्ती नहीं हो रही है. अब इस नोटिफिकेशन के बाद यह भी तय हो गया है कि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उनका पद स्वत: समाप्त हो जाएगा. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सभी जोनल रेलों में कुल मिलाकर वर्तमान में भी लगभग ढ़ाई लाख रेलवे कर्मचारियों के पद खाली हैं.
रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने 16 जोनों में कर्मचारियों के पद समाप्त करने के लिए सभी जोनों का अलग-अलग लक्ष्य तय किया है. सबसे अधिक लक्ष्य उत्तर रेलवे (1500) और दक्षिण रेलवे (1500) को दिया गया है. इसके बाद पूर्व रेलवे (1100) और मध्य रेलवे (1000) का लक्ष्य है. सभी जोनों का लक्ष्य इस प्रकार है- मध्य रेलवे – 1000, पूर्व रेलवे – 1100, पूर्व मध्य रेलवे – 300, पूर्व तट रेलवे – 700, उत्तर रेलवे 1500, उत्तर मध्य रेलवे – 165, पूर्वोत्तर रेलवे – 700, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे – 550, उत्तर पश्चिम रेलवे – 300, दक्षिण रेलवे 1500, दक्षिण मध्य रेलवे – 800, दक्षिण पूर्व रेलवे – 825, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे – 400, दक्षिण पश्चिम रेलवे – 200, पश्चिम रेलवे – 700 और पश्चिम मध्य रेलवे – 300.
रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की तरफ से 11 जून को जारी इस पत्र के माध्यम से सभी जोनल रेलों के महाप्रबंधकों पदों की समाप्ति के तय किए लक्ष्यों से अवगत करा दिया गया है. इसके साथ ही उनसे यह भी कहा गया है कि उक्त निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए अविलंब आवश्यक कदम उठाएं. इसके लिए रेलवे बार्ड के सक्षम प्राधिकार (सीआरबी एवं एफसी/रेलवेज) से आवश्यक पूर्व अनुमति प्राप्त की गई है. मानवरहित समपारों को समाप्त करके उन पर तैनात गेटमैनों के पद भी समाप्त किए जाने लक्ष्य इस पत्र में निहित किया गया है. उल्लेखनीय है कि अब तक जितने भी मानवरहित समपार समाप्त किए गए हैं, इंजीनियरिंग विभाग की मनमानी के चलते और लेखा विभाग की उसके साथ साठ-गांठ के चलते उक्त पद समाप्त नहीं करके उन्हें विभाग में अन्यत्र समाहित किया जाता रहा है.
यात्रियों को सुविधा दिए जाने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए रेलवे द्वारा कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. यात्रियों को टिकट लेने के लिए खिड़की पर न जाना पड़े, इसके लिए जहां प्राइवेट टिकट एजेंसियां दी जा रही हैं, वहीं ऑनलाइन टिकट की सुविधा भी बढ़ाई जा रही है. स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जा रही हैं, ताकि यात्री रेल कर्मचारियों पर निर्भर न रहें. टिकट बुकिंग क्लर्क, आरक्षण एवं पूछताछ क्लर्क, गुड्स-पार्सल क्लर्क, टिकट चेकिंग स्टाफ, वाणिज्य निरीक्षक इत्यादि कर्मचारियों के पद ग्रुप ‘सी’ में आते हैं, जिन्हें खत्म करने की पूरी तैयारी कर ली गई है.
इसके अतिरिक्त ग्रुप ‘डी’ के पॉइंट्समेन, गैंगमेन, चपरासी, खलासी, आफिस खलासी, हॉस्पिटल अटेंडेंट, सफाईकर्मी, लगेज पोर्टर आदि के पद अतिरिक्त होने की स्थिति में समाप्त करने पर पूरा जोर रहने वाला है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि संरक्षा से जुड़े पदों को समाप्त नहीं किया जाएगा, तथापि भविष्य में इसकी कोई गारंटी नहीं है.
साभार : रेलवे समाचार