Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

न्यूज हंट

राष्ट्रपति की ओडिशा यात्रा में रेलवे ने दिखाया चिराग तले अंधेरा, पीएम के ‘वोकल फॉर लोकल’ की निकाली हवा

राष्ट्रपति की ओडिशा यात्रा में रेलवे ने दिखाया चिराग तले अंधेरा, पीएम के 'वोकल फॉर लोकल' की निकाली हवा
  • कार्यक्रम कवरेज को नेशनल मीडिया के लिए पांच स्टारी प्रचार व्यवस्था, लोकल भजते रहे हरी नाम

KOLKATTA. राष्ट्रीय द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को अपने गृह जिले ओडिशा के मयूरभंज क्षेत्र में थी. वहां बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में उन्होंने तीन नई ट्रेनों का परिचालन आरंभ कराया साथ ही कई दूसरी विकास योजनाओं की भी सौगात दी. प्रोटोकॉल के तहत ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास तो कार्यक्रम में मौजूद रहे ही, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव भी अपने पूरे दलबल के साथ जश्न की शोभा बढ़ाते नजर आये.

इस पूरे कार्यक्रम की खास बात यह रही कि राष्ट्रपति के कार्यक्रम की जरिये रेल मंत्रालय ने अपने अफसरों के जरिये चिराग तले अंधेरा की कहावत को भी चरितार्थ कर दिया तो साथ ही प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारे पर ऐसा पानी फेरा कि अनेक लोग हरिनाम भजते नजर आये.

राष्ट्रपति की ओडिशा यात्रा में रेलवे ने दिखाया चिराग तले अंधेरा, पीएम के 'वोकल फॉर लोकल' की निकाली हवा

अनिल कुमार मिश्रा, जीएम, SER

हुआ यूं कि राष्ट्रपति के इस बहुचर्चित् कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए रेलवे अफसरों ने फाइव स्टारी व्यवस्था की थी. विशेष आवभगत के साथ नई दिल्ली से करीब तीन दर्जन रिपोर्टर और फोटोग्राफर बुलाये गये थे. जिनकी एक दिन पहले से ही जमशेदपुर के शानदार होटलों में रखकर आदर-सत्कार की जा रही थी. कार्यक्रम के दिन यानी मंगलवार की सुबह इन सभी पत्रकार-फोटोग्राफरों को अलग-अलग लग्जरी वाहनों के जरिय टाटानगर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थिति बादामपहाड़ ले जाया गया.

वहां भी इनके लिए ऐसी ही मुकम्मल व्यवस्था की गयी थी. लेकिन टाटानगर व चक्रधरपुर में पदस्थापित रेलवे के अधिकारी राष्ट्रपति के कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने को लेकर इतने लीन हो गये कि उन्होंने कार्यक्रम की महत्ता को लोकल स्तर पर प्रचारित करने की अहमियत को ध्यान में ही नहीं रखा. रेलवे अधिकारियों की यह सोची-समझी रणनीति थी या जाने-अनजाने में चूक, लेकिन सच यही है कि राष्ट्रपति के कार्यक्रम को उनके गृह क्षेत्र समेत आसपास के इलाकों में प्रचारित-प्रसारित करने में रेल महकमा पूरी तरह फिसड्डी नजर आया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बादामपहाड़ से तीन ट्रेनों को किया रवाना, बंगाल-ओडिशा-झारखंड को मिली सौगात

पहले तो लोकल स्तर पर मीडिया को निमंत्रण भेजने में ही पिक एंड चूज की नीति अपनायी गयी. अनाम हासिये पर पड़े या बंदी के कगार पर सांसें गिन रहे मीडिया ब्रांडों को तो आमंत्रित कर लिया गया लेकिन रेलकर्मियों और रेल परिवार से जुड़े तमाम लोगों की आवाज बनकर काम करने वाले मीडिया के माध्यमों को कार्यक्रम की सूचना देने भर की औपचारिकता नहीं निभायी गयी.

हद तो तब हो गयी जब लोकल स्तर पर मीडिया के लिए एक ऐसी बस की व्यवस्था रेलवे अधिकारियों ने करायी जिसे सुबह तीन बजे बादामपहाड़ के लिए रवाना किया जाना था. यह नीम पर करेला चढ़ाने की कहावत को चरितार्थ कर दिया. लोकल मीडिया ने बस के कार्यक्रम को अव्यवहारिक अपरिपक्कव और भेदभाव पूर्ण वाली व्यवस्था माना और इसमें टाटा और चक्रधरपुर के रेल अधिकारियों की मंशा को भी संदिग्ध माना. आलम यह रहा कि इस बस में आधा दर्जन पत्रकार भी रेलवे के आयोजन में शामिल होने टाटानगर से नहीं गये.

नतीजतन लोकल मीडिया के अधिकांश प्रतिनिधि कार्यक्रम से दूर रहे और तथाकथित लोकल स्तरीय गोदी मीडिया इस कार्यक्रम का गवाह बना.

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

Unified Pension Scheme (UPS) के विरोध में UMRKS के नेताओं ने आवाज बुलंद की बुलंद, निशाने पर फेडरेशन PRAYAGRAJ. Unified Pension Scheme (UPS) के...

रेलवे यूनियन

पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने सीआरबी को थमायी समस्याओं की सूची, लाइन बॉक्स सुविधा जारी रखने का अनुरोध BHOPAL. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन...

Breaking

Patna. चालक की सूझबूझ से बिहार में बड़ा रेल हादसा टल गया. दरअसल कटिहार-मालदा रेलखंड पर आदिना और एकलखी स्टेशन के बीच अप लाइन...

Breaking

There is an urgent requirement for additional manpower to maintain the railways’ ever-increasing assets and safe train operations, Board Chairman Satish Kumar has said,...