रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे ने अपने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का नाम बदलकर भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा कर दिया है. सोमवार को जारी एक आदेश के मुताबिक, मंत्रालय ने आरपीएफ को संगठित ग्रुप ‘ए’का दर्जा दिया है और इसका नाम बदल दिया है. आदेश में कहा गया है, ‘माननीय अदालत के आदेश के बाद कैबिनेट के निर्णय के मद्देनजर आरपीएफ को संगठित समूह ‘ए’ (ओजीएएस) का दर्जा दिया जाता है और सूचित किया जाता है कि आरपीएफ को भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा के तौर पर जाना जाएगा.” बता दें कि रेलवे सुरक्षा बल की स्थापना रेलवे सुरक्षा बल अधिनियम, 1957 के तहत की गई थी. आरपीएफ का कार्य रेलवे संपत्ति की सुरक्षा करना है. यह फोर्स रेल मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है. इससे पहले 1965 में आरपीएफ का नाम रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स किया गया था.
इस साल किसी यात्री की नहीं गयी जान
इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया था कि इस वित्तीय साल में अभी तक रेल दुर्घटनाओं में किसी भी यात्री की जान नहीं गई है. गोयल ने रेलवे की उपलब्धि का बखान ट्विटर पर किया. रेलवे की ओर से दिए आंकड़ों में कहा गया है कि अब तक रेलवे में रेलकर्मियों की तो मौत हुई लेकिन किसी भी यात्री की मौत नहीं हुई. साल 2018-19 में रेलवे में अनेक दुर्घटनाओं में 16, वर्ष 2017-2018 में 28 और 2016-2017 में 195 लोगों की मौत हुई थी. मिले आंकड़ों के अनुसार 1990-1995 के बीच प्रति वर्ष औसतन 500 से अधिक दुर्घटनाएं हुईं और इस दौरान 2,400 लोगों की मौत हुई और 4,300 लोग घायल हुए. इसके बाद 2013-2018 के बीच प्रति वर्ष औसतन 110 दुर्घटनाएं हुईं जिसमें 900 लोग मारे गए और 1500 लोग घायल हो गए.
रेलवे ने कहा कि 2019 में रेल दुर्घटनाओं में किसी भी यात्री की जान नहीं जाने का श्रेय रेलवे द्वारा उठाए गए अनेक कदमों को जाता है. इनमें रख रखाव के लिए मेगा ब्लॉक्स और आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल होना, मानव रहित सभी क्रॉसिंगों को समाप्त करना और इसी प्रकार के अनेक उपाय शामिल हैं. रेलवे ट्रेन दुर्घटनाओं में टक्कर होना,गाड़ी पटरी से उतरना, आग लगना, क्रांसिंग के दौरान होने वाली दुर्घटनाएं और अन्य दुर्घटनाएं शामिल हैं. ट्रेन परिचालन के दौरान उसकी चपेट में आने से हुई मौत को रेलवे दुर्घटना नहीं मानता.
Source – NDTV