नई दिल्ली. भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2022-23 में फ्रेट बिजनेस यानी माल ढुलाई से हासिल राजस्व में इतिहास रचते हुए अभी तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय रेल ने इस साल कुल 1512 एमटी की फ्रेट लोडिंग हासिल की, जो वित्त वर्ष 2021-22 के 1418 एमटी से 94 एमटी यानी लगभग 7 प्रतिशत ज्यादा है. इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 ही फ्रेट लोडिंग में सबसे अच्छा साल रहा था.
भारतीय रेल की माल ढुलाई यूनिट यानी एनटीकेएम (कुल टन किलोमीटर) ने भी वित्त वर्ष 2022-23 में 10 प्रतिशत की प्रभावशाली बढ़ोतरी के साथ 903 अरब एनटीकेएम का आंकड़ा दर्ज किया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 820 अरब एनटीकेएम रहा था. इस तरह भारतीय रेल ने पहली बार 900 अरब का आंकड़ा पार किया है.
भारतीय रेल ने कंटेनरों में 74.6 एमटी कोयले की ढुलाई की. इसके बाद बाद 8.7 एमटी अन्य सामान, 5.6 एमटी सीमेंट और चिंकर, 7.1 एमटी उर्वरकों की ढुलाई की. इसके साथ ही पीओएल में 4 एमटी की ढुलाई की गई.
वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली और कोयला मंत्रालय के साथ नजदीकी समन्वय के साथ बिजली घरों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे के निरंतर प्रयास उसके माल ढुलाई से जुड़े प्रदर्शन की प्रमुख विशेषताओं में से एक रहे हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली घरों को कोयले (घरेलू और आयातित दोनों) की लोडिंग 84 एमटी या 17.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 569 एमटी के स्तर पर पहुंच गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 485 एमटी रहा था.
बिजली घरों को कोयले के परिवहन में शानदार प्रदर्शन के साथ, ऑटोमोबाइल की लोडिंग रेलवे के लिए वित्त वर्ष 2022-23 की प्रमुख खासियतों में से एक रही. वित्त वर्ष 2022-23 में ऑटोमोबाइल की कुल 5527 रैक लोड की गईं, जबकि बीते साल यानी 2021-22 में 3344 रैक लोड की गई थीं. इस प्रकार, इस साल 65 प्रतिशत ज्यादा रैक लोड की गईं.
इसके साथ ही, भारतीय रेलवे ने लगातार 31 महीने तक सबसे अच्छी मासिक ढुलाई की है, जिसकी शुरुआत सितंबर 2020 से हुई थी. इस वर्ष यात्रियों के मोर्चे पर भारतीय रेल का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा और साथ ही पिछले वर्ष के 344 करोड़ की तुलना में भारतीय रेल के यात्रियों की संख्या 80 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी के साथ 623 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई.
14 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ भारतीय रेलवे का सकल माल राजस्व 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है और साथ ही, इसके पिछले वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ यात्री राजस्व 60,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है. माल ढुलाई व्यवसाय में वृद्धि के साथ यात्री व्यवसाय में बढ़ोतरी के चलते पहली बार भारतीय रेल का कुल माल और यात्री राजस्व 2 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है. इस प्रकार, संयुक्त राजस्व 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है.
(Source: PIB)