- रेलवे की उत्पादन इकाईयों के निजीकरण के बीच एक अच्छी खबर आयी है
Rail Wheel Factory : रेलवे की उत्पादन इकाईयों के निजीकरण के बीच एक अच्छी खबर आयी है. रेलवे ने रायबरेली रेल चक्का कारखाना का स्वामित्व अपने हाथों में ले लिया है. इसे अब तक इस्पात मंत्रालय चला रहा था. रेलवे को 1725 करोड़ रुपये इसके लिए इस्पात मंत्रालय को देने होंगे. रेल पहिया कारखाना अप्रैल से पूरी तरह रेलवे के हाथों में आ गया है. इसका संचालन अब पूरी तरह रेलवे करेगा.
नये परिवर्तन के बाद अब कारखाना को ‘एमसीएफ फोर्ज्ड व्हील प्लांट’ के नाम से जाना जाएगा. आधुनिक रेल कारखाने के जीएम प्रशांत कुमार मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में इसकी पुष्टि की है.
दरअसल, रायबरेली के लालगंज में आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना परिसर में ही सांसद सोनिया गांधी ने 8 अक्तूबर, 2013 को रेल चक्का कारखाना का शिलान्यास आठ अक्तूबर 2013 को किया था. 50 एकड़ भूमि पर 1683 करोड़ रुपये की कारखाना बनकर तैयार हुआ था. राष्ट्रीय इस्पात निर्माण निगम लिमिटेड अब तक इसका संचालन कर रहा था.
रेलवे फिलहाल वहीं के कर्मचारियों से करवायेगा उत्पादन
रेलवे सूत्रों के अनुसार फिलहाल डेपूटेशन पर लेकर वहीं के कर्मचारियों से कारखाना चलवाया जायेगा. इसके लिए कोई स्किल्ड वर्कर नहीं रेलवे के पास नहीं है. दिलचस्प बात यह थी कि रेल चक्का कारखाना में हर साल एक लाख व्हील बनाने का लक्ष्य था लेकिन शुरू के आठ सालों में यहां सिर्फ 75 रेल पहिये बनाए जा सके थे. इसे देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बताया गया था.
उत्पादन बेहतर नहीं होने के बाद राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने कारखाने को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी भी कर ली थी. हालांकि बाद में रेलवे ने इसे अपने हाथों में लेने की योजना बनायी. इसके बाद यह प्रक्रिया पूरी की गयी. एक अप्रैल 2024 से रेल चक्का कारखाने को रेलवे ने हैंडओवर कर लिया है.