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रेलवे की तैयारी : चलायी जायेंगी 50 नई अमृत भारत ट्रेनें, 9000 किमी मार्ग पर लगेगा ‘कवच’

रेलवे की तैयारी : चलायी जायेंगी 50 नई अमृत भारत ट्रेनें, 9000 किमी मार्ग पर लगेगा 'कवच'
  • लोकसभा में रेल मंत्री ने रेलवे में तकनीकी स्तर पर किये जा रहे सुधाओं की ओर आकृष्ट कराया ध्यान 

NEW DELHI. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में यह जानकारी दी कि 50 नई अमृत भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी. बताया कि रेलवे उन्नत सुविधाओं से लैस चार गैर-एसी अमृत भारत ट्रेनें चला रहा है. जिनमें आधुनिक तकनीक है और उन्नत सुविधाएं हैं. इसमें झटका मुक्त यात्रा, स्लाइडिंग खिड़कियां, फोल्डेबल स्नैक टेबल, बोतल और मोबाइल रखने के लिए होल्डर दिये गये हैं.

मंत्री ने बताया कि अमृत भारत सेवाएं, जो पूरी तरह से गैर-एसी ट्रेनें हैं. इसमें 12 स्लीपर क्लास कोच और 8 सामान्य श्रेणी कोच शामिल हैं. वहीं, ये ट्रेन यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान कर रही हैं. 4 अमृत भारत सेवाओं में 15557/15558 दरभंगा-आनंद विहार (टी) अमृत भारत एक्सप्रेस सीतामढी, रक्सौल-नरकटियागंज- गोरखपुर-लखनऊ के रास्ते चल रही हैं. इसके अलावा अमृत भारत एक्सप्रेस सेवाओं की शुरुआत होने से आवागमन में काफी सहूलियत मिली है.

 यह भी पढ़ें  लोकसभा में रेलमंत्री ने खाेया आपा, ममता बनर्जी का क‍िया ज‍िक्र, बोले- रील बनाने वाले लोग नहीं …

सरकार ने 50 अतिरिक्त अमृत भारत ट्रेनों का ऑर्डर दिया गया है. इन ट्रेनों में 14 नए तरह के सुधार किए जा रहे हैं. इसके अलावा 17 जुलाई 2024 को सरकार की तरफ से कवच 4.0 पर निर्णय लिया गया है, जिसके लिए विश्वविद्यालयों में इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कवच 4.0 को 9000 किलोमीटर के रूट पर उतारने का फैसला लिया गया है. बता दें कि कोविड के बाद 3000 किमी रूट पर पहले ट्रायल का निर्णय लिया गया. वहीं, साल 2019 में कवच को सुरक्षा और सुरक्षा प्रमाणीकरण मिला था.

रेलमंत्री ने बताया क्या है कवच 

रेलमंत्री ने बताया कि कवच एक टक्कर रोधी तकनीक है. यह प्रौद्योगिकी रेलवे को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी. इस तकनीक से अगर एक ट्रैक पर दो ट्रेनें आ भी जाएं तो ऐसा दावा है कि एक निश्चित दूरी पर दोनों ही ट्रेन खुद-ब-खुद रुक जाएंगी. दरअसल, इसकी तकनीक इतनी सटीक है कि अगर दो ट्रेनें पूरी रफ्तार में आमने-सामने आ जाएं तो भी टक्कर नहीं होगी. ऐसा दावा है कि लाल सिग्नल पार होते ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाएगा. यही नहीं, इससे अगले 5 किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेन बंद हो जाएंगी. साथ ही साथ पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच बचा लेगा.

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