- घर से 2.61 करोड़ के बाद बैंक लॉकर से मिले 1.40 करोड़ के मामले में आय सेअधिक संपत्ति का मामला दर्ज करेगी सीबीआई
GORAKHPUR. पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) कार्यालय में मार्च 2023 में विजिलेंस की छापेमारी और कार्रवाई हुई थी. इसके बाद एक बड़े अधिकारी को यहां चलता कर दिया गया था. अब नया टारगेट बने केसी जोशी जिसे मीडिया साहसी घूसखोर मानकर चल रहा है. ऐसा इसलिए कि घर से कैश 2.64 करोड़ की बरामदगी वाले PCCM/NER के बैंक खाते से भी 1.40 करोड़ रुपये बरामद किये गये हैं.
रेलवे में अफसरों की मनमानी और सिस्टम को तोड़मरोड़ कर उसका इस्तेमाल करने वाले अफसरों की कमी नहीं है. नियमों को अपने तरह से परिभाषित कर निजी पार्टी को फायदा पहुंचाने और रेलवे को चूना लगाने वालों की लंबी फेहरिस्त है. फिलहाल देश में सभी की नजर पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के PCCM/NER केसी जोशी की गिरफ्तारी पर टिकी हुई है. सीबीआई की जांच में हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं तो मीडिया भी इसे अपनी तरह की परिभाषित करने और नये खुलासे करने में जुटा हुआ है.
केसी जोशी के बैंक एकाउंट से इतनी बड़ी रकम की बरामदगी रेलवे में सभी को हैरान कर रही है.कारण यह कि कोई साहसी अधिकारी ही ऐसा कर सकता है जो बेनामी संपत्ति को अपने बैंक खाते में रखे. क्योंकि बैंक खाते में आम तौर पर वहीं रकम रखी जाती है जिसका हिसाब देना आसान हो या उसका लेखा-जोखा साफ हो. अगर भविष्य में जांच हो तो उसका हिसाब दिया जा सके. सवाल यह उठत है कि क्या गिरफ्तार PCCM/NER केसी जोशी के पास उस रुपये का हिसाब था जो बैंक में बरामद किये गये या उन्हें इसे लेकर वह पूरी तरह निश्चिंत थे कि वे कभी पकड़े भी जायेंगे?
अब पूरे रेलवे जोन से लेकर दूसरे जोन व मंडलों में भी इस बात की चर्चा हो रही है. कहां जा रहा है कि ऐसा साहसी अधिकारी कभी पहले न हुआ है न ही होगा जो इतनी बड़ी रकम बैंक खाते में रखने का साहस रखे. अब केसी जोशी के खातों से मिले 1.40 करोड़ रुपये के मामले में सीबीआई आय सेअधिक संपत्ति का अलग मामला दर्ज कर सकती है. या केसी जोशी को यह बताना होगा कि यह राशि किन स्रोतों से उनके पास आयी जिसे फिलहाल असंभव ही माना जा रहा है.
यही नहीं पकड़े गये PCCM/NER केसी जोशी के बैंक लॉकर से करोड़ों रुपये के अलावा 60 लाख से अधिक के जेवर भी मिले है. इससे पहले छापेमारी के समय ही सीबीआई नोएडा स्थित आवास से 2.60 करोड़ रुपये नकद बरामद कर चुकी है. इसका हिसाब केसी जोशी से मांगा गया है. 15 सितंबर तक PCCM/NER सीबीआई के रिमांड में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है. सीबीआई ने पीसीएमएम केसी जोशी से कुछ अफसरों के नाम उगलवाया है और अभी जारी पूछताछ में कुछ नये खुलासा हो सकते है. यही कारण है कि रेलवे अफसर अब फोन पर बात करने में कतरा रहे हैं.
गोरखपुर जोन के एक आला अधिकारी ने रेलहंट से पूछे गये सवाल के जबाव में कहा कि फिलहाल तो फोन पर किसी तरह की बात करना मुश्किल है अगर कोई जानकारी चाहिए तो सीधे आप सूचना अधिकार का प्रयोग करें. यहां यह बात जरूर सामने आयी है कि PCCM/NER की गिरफ्तारी जोन और विभाग में चल रहे गुटबाजी का परिणाम ही है वरना यहां तो सब ठीक चल रहा था और सभी मिलजुल कर रेलवे को चूना लगा रहे थे. नीचे से ऊपर तक कमीशन का खेल बेखौफ चल रहा था.