नई दिल्ली. रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने बीते दिनों सांसद में बयान दिया था कि रेलवे की घटी हुई कमाई को देखते हुए बुजुर्गों (Senior Citizen’s) को दी जाने वाली छूट पर लगी पाबंदी नहीं हटायी जायेगी. उन्होंने अन्य श्रेणियों में दी जाने वाली रियायतों पर भी रोक जारी रखने की बात कही थी. हालांकि रेलमंत्री के इस बयान में यह बात सामने आयी कि रेलवे ने सीनियर सिटीजन समेत तमाम रियायतों को खत्म करने का अंतिम निर्णय ले लिया है और अब भविष्य में यात्रियों को रियायतें नहीं मिलेगी.
लगातार आ रही सूचनाओं के बाद रेलवे की ओर से कि यह यह साफ किया गया है कि छूट को फिलहाल स्थगित किया गया है, पूरी तरह बंद नहीं किया गया है. रेलवे ने यह भी कहा है कि सोशल मीडिया पर बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को पूरी तरह खत्म कर देने का दावा करने वाली पोस्ट्स में कोई सच्चाई नहीं है. 16 मार्च को संसद में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया था कि वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट देने पर सालाना करीब 1,600 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. सभी वर्गों को रियायत देने पर रेलवे करीब 2,000 करोड़ रुपये खर्च करता है. उन्होंने फिलहाल बुजुर्गों को किराए में मिलने वाली छूट पर लगी पाबंदी को नहीं हटाया
रेल मंत्री ने यह नहीं बताया है कि यह पाबंदी कब तक जारी रहेगी. इंडियन रेलवे सीनियर सिटीजन्स समेत कई अन्य कैटेगरी के यात्रियों को रेल किराए में छूट देती है. फिलहाल रेलवे ने तीन कैटेगरी के यात्रियों को किराए में मिलने वाली छूट पर से पाबंदी हटा ली है. इनमें चार तरह के दिव्यांगजन, 11 तरह की बीमारियों से पीड़ित मरीज और छात्र शामिल हैं. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन और उसके बाद ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा था. वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रेलवे को यात्री किराए से होने वाली कमाई में भारी गिरावट आई है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कुछ अन्य कैटेगरी के यात्रियों को किराए में मिलने वाली छूट पर पाबंदी जारी रहेगी.
गौरतलब है कि एक ट्वीट में यह दावा किया गया था कि रेलवे में यात्रा करने वाले सभी नागरिक सामान्य होंगे. रेल मंत्रालय ने सीनियर सिटीजन को को किराए में 50% तक मिलने वाली छूट को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है. लेकिन रेलवे बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (इनफॉरमेशन एंड पब्लिसिटी) जी.के. बंसल एनबीटी को बताया कि अभी तक ऐसा कोई भी फाइनल डिसीजन नहीं लिया गया है. अतः यह ट्वीट तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है.