- 11 अप्रैल से पूरी तरह सामान्य हो जायेगी रेल सेवा, दानापुर व थावे एक्सप्रेस रहेगी रद्द
Kolkatta. दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर और आद्रा रेलमंडल में कुड़मी समुदाय द्वारा चलाये गये ‘रेल रोको आंदोलन’ से रेलवे को लगभग 1700 करोड़ का नुकसान हुआ है. कुड़मी समाज का आंदोलन पांच दिन चला. इसमें रेलवे ने हर दिन 80 से 95 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा. इससे पांच लाख से अधिक यात्री प्रभावित रहे और रेलवे को सीधे तौर पर बड़ा राजस्व का नुकसान हुआ. इसके अलावा रेलवे को बड़ा नुकसान गुड्स ट्रेनों के मूवमेंट के ठप रहने से हुआ है. हालांकि नुकसान को लेकर रेलवे ने अब तक आधिकारिक आकड़ा नहीं जारी किया है.
रेलवे द्वारा आंदोलन खत्म होने के बाद पहली मालगाड़ी दौड़ा कर ट्रैक फिट दिया गया
रेलवे सूत्रों के अनुसार हावड़ा-खड़गपुर-राउरकेला सेक्शन पर हर दिन 70-80 मालगाड़ियों के नहीं चलने से लोडिंग व ढुलाई प्रभावित हो रही थी. अकेले लोडिंग में चक्रधरपुर मंडल को हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा था. कुड़मी जाति को आदिवासी का दर्जा देने की मांग को लेकर 5 अप्रैल से रेल रोको आंदोलन चल नरहा था. इससे हावड़ा, आद्रा, खड़गपुर, धनबाद, रांची और चक्रधरपुर के विभिन्न स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनें प्रभावित हो रही थी. आंदोलन खत्म होने के साथ ही रेल यातायात बहाल करने का प्रयास चल रहा है.
रेल प्रशासन के सूत्रों के अनुसार खेमाशुली और कुसतौर पर आंदोलन खत्म होने के 24 घंटे बाद रेल सेवा को पूरी तरह बहाल करने का प्रयास चल रहा है. रांची व हावड़ा से ट्रेनों का परिचालन निर्धारित मार्ग पर सामान्य करने की बात दक्षिण पूर्व रेलवे ने की है. हालांकि 11 अप्रैल को टाटानगर से दानापुर एक्सप्रेस और थावे एक्सप्रेस को रद्द रखा गया है. इसके साथ ही जोन की सभी ट्रेनों को रिस्टोर कर दिया गया है.