कोलकाता. रेलवे की कमाई यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई और पोस्ट से होती है. लेकिन इन दिनों रेलवे की कमाई में एक और आयाम जुड़ गया है. वह है कबाड़ का. यानी रेलवे इन दिनों स्क्रैप बेचकर करोड़ों की कमाई कर रहा है. इसके लिए कई जोन ने अन्य राजस्व के स्रोतों की तरह टारगेट भी तय कर दिया है. अब तक कबाड़ बेचकर उत्तर पश्चिम रेलवे (North-West Railway) ने इस साल 205 करोड़ की कमाई की है. उत्तर पश्चिम रेलवे बीते वर्ष जनवरी माह तक स्क्रैप बेचकर 202 करोड़ रुपये कमाये थे.
अब आते हैं दक्षिण पूर्व रेलवे (SOUTH EASTERN RAILWAY) के राजस्व पर तो 2021-22 वित्तीय वर्ष में अप्रैल-फरवरी के बीच 281.28 करोड़ रुपये का राजस्व स्क्रैप से आया. अप्रैल-जनवरी के बीच 2020-21 में यह आकड़ा 151 करोड़ का था. चालू वित्तीय वर्ष में दक्षिण पूर्व रेलवे ने डेढ़ माह पहले ही अपने राजस्व टारगेट का लक्ष्य पार कर लिया है.
वहीं पूर्व रेलवे के अकेले जमालपुर डिपो 27 जनवरी को नीलामी में 950 मिट्रिक टन डिपो फेरस स्क्रैप और कंडम वैगन को बेचकर 3.72 करोड़ की कमाई की. जमालपुर की कमाई हावड़ा से ज्यादा है. हावड़ा डिपो ने 28 जनवरी को नीलामी में 593 मिट्रिक टन वे स्क्रैप और 2 डीजल ईंजनों की बिक्री कर 3.66 करोड़ की कमाई की. जमालपुर ने स्क्रैप से कमाई करने में आसनसोल के पूर्वी रेलवे स्टोर्स विभाग और बेलूर यार्ड को भी पीछे छोड़ दिया है.
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 2021-22 के लिए रेलवे बोर्ड के द्वारा जोन से मिले 210 करोड़ स्क्रैप बिक्री का लक्ष्य के विरूद्ध अप्रैल 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक 200 करोड़ का राजस्व बना लिया था. यह पिछले वित्तीय वर्ष के कुल 180 करोड़ स्क्रैप बिक्री से 20 करोड़ अधिक है.