- एआईआरएफ ने 21 तक बोनस का एलान नहीं होने पर 22 को रेल चक्का जाम की घोषणा की है
- रेलवे बोर्ड ने पत्र जारी कर चक्का जाम के किसी प्रयास पर कड़ी कार्रवाई करने की दी है चेतावनी
- बोर्ड ने सेफ्टी में सुपरवाइजर कैटेगरी को यूनियन का पदाधिकारी नहीं बनाने का दिया निर्देश
नई दिल्ली. रेलवे में बोनस को लेकर भारी विरोध और लगातार दी गयी चेतावनियों के बीच सरकार के मौन ने फेडरेशन के नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है. एआईआरएफ ने जहां 21 अक्टूबर तक घोषणा नहीं होने पर 22 से रेल चक्का जमा करने की चेतावनी दे रखी है तो एनएफआईआर के सुर भी बोनस को लेकर तल्ख है. ऐसे में बोनस की मांग को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर 20 अक्टूबर को देश भर में रेलकर्मियों ने ‘बोनस दिवस’ पर शक्ति प्रदर्शन कर सरकार के सामने अपना विरोध दर्ज कराया. प्रदर्शन के बाद एक ट्वीट में एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने बताया कि रेलकर्मियों के आक्रोश के बाद रेलमंत्रालय की ओर से बोनस के लिए रास्ता निकालने की पहल की गयी है.
एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने आज अपने संबोधन में एक बार फिर से स्पष्ट किया कि बोनस रेलकर्मियों का हक है और उसे वह लेकर रहेंगे. अपने संदेश में उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि 21 तक बोनस का एलान नही हुआ तो डायरेक्ट एक्शन के लिए भी रेलकर्मी तैयार है. विरोध प्रदर्शन के बीच एक दिन पूर्व ही रेलवे बोर्ड ने एक पत्र जारी कर विरोध प्रदर्शन के कारण किसी तरह रेल परिचालन बाधित होने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी जारी की है. इसके लिए सभी जीएम को खास तौर पर निर्देश जारी किये गये.
रेलवे बोर्ड की सख्ती और बोनस के निर्णय के बीच फेडरेशन की रेल चक्का जाम की चेतावनी के दो दिन शेष रह गये हैं. इस तरह अब तक सरकार की ओर से रेलकर्मियों के बोनस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है जबकि पूर्व में रेलमंत्री और चेयमैन ने फेडरेशन के नेताओं के साथ वार्ता में यह मुद्दा वित्त मंत्रालय पर डाल दिया था. इस बीच वित्त मंत्रालय में बतौर फेस्टबिल एडवांस 10 हजार रुपये के लोन की घोषणा कर सबको सकते में डाल दिया. इसके बाद से ही यह कयास लगाये जाने लगे कि रेलकर्मियों के बोनस पर धुंध छाने लगे हैं. इसके बाद दोनों फेडरेशनों की ओर से चेतावनी जारी की गयी.
इधर, एआईआरएफ द्वारा रेल चक्का जाम की डेडलाइन और आंदोलन की घोषणा के बीच रेलवे बोर्ड के एक पत्र जारी कर सेफ्टी कैटेगरी से जुड़े सुपरवाइजर ग्रेड के रेलकर्मियों को यूनियन में अहम पद नहीं देने का फरमान जारी कर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. रेलवे ने जारी पत्र में सेफ्टी फर्स्ट का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए 4200 ग्रेड पे से ऊपर वाले सुपरवाइजर को किसी भी ट्रेन यूनियन का ऑफिस बियरर नहीं बनाये जाने का निर्देश दिया है. यह निर्देश 31 अक्टूबर 2020 से लागू हो जायेगा.
उधर बोनस दिवस को लेकर रेलवे बोर्ड की कड़ी चेतावनी के बावजूद रेलकर्मी बाहर निकले और प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया. AIRF के आह्वान पर यह धरना-प्रदर्शन किया गया. इसके महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने फिर से चेतावनी दी कि 21 तक बोनस की घोषणा नहीं होने पर 22 को सीधी कार्रवाई करने को वह मजबूर हो जायेंगे.
टाटानगर में मेंस यूनियन ने किया विरोध प्रदर्शन
दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के रनिंग मंडल शाखा सचिव एमके सिंह के नेतृत्व में टाटानगर के यूनियन नेताओं और आल इंडिया लोकों रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के पारस कुमार की अगुवाई में विभिन्न विभागों में जाकर रेलकर्मियों से संपर्क किया गया. इस दौरान नेताओं ने बताया कि सरकार की नीतियों के खिलाफ बोनस की मांग को लेकर वह आंदोलनरत हैं. करोना काल में जीवन दांव पर लगाकर रेल चलायी और इसमें 200 कर्मचारियों की जान तक चली गयी. पीएम केयर्स में चंदा दिया, 18 माह का महंगाई भत्ता बलिदान किया बावजूद सरकार बोनस पर कुठाराघात करने पड़ अडी है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. तापस चट्टराज ने कहा कि कठीन परिश्रम से अर्जित किए जाने वाला रात्रि भत्ता को दो हजार सत्रह जूलाई से सरकार काटने पर अमादा है जो हम बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं.
पारस कुमार ने कहा कि ऐसे आर्थिक शोषण का आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के साथ आल इंडिया लोकों रनिंग स्टाफ एसोसिएशन कंधा से कंधा मिलाकर इसका सख्त विरोध करता है. आज के बोनस डे पर दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हमें जल्द से जल्द बोनस दिया जाये तथा रात्रि भत्ता कटौती आदेश को वापस लिया जाए. अगर सरकार ऐसा नहीं करतीं हैं तो तों आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आदेशानुसार 22 अक्टूबर को रेल की सारी गतिविधियां पर विराम लग जाएगा. इस आक्रोश प्रदर्शन में अनंत प्रसाद, बालक दास, संजय सिंह, एमपी गुप्ता, सुरेश सिंह, राय जी, एके सिंह, बाबू राव, आईडी प्रसाद, एनके शर्मा, जेबी सिंह सिंह समेत कई रेलकर्मी मौजूद थे.
नार्थ सेंट्रल रेलवे मैंस यूनियन ने मंगलवार को शाखा कार्यालय में बैठक कर बोनस में कटौती किए जाने को लेकर विरोध जताया. कहा कि सरकार का तानाशाह रवैया किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. देर शाम को स्टेशन रोड स्थित दफ्तर में हुई बैठक में शाखा सचिव केके त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना काल में भी कर्मचारी पूरी जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं, इसके बाद भी सरकार उनका ध्यान नहीं रख रही है.यूथ सचिव रामशंकर यादव ने बताया कि कर्मचारियों के प्रति सरकार को सोच बदलनी चाहिए. इस दौरान विजय कुमार, दीपक कुमार आदि मौजूद रहे.
बोनस के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करते रेलकर्मी