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JABALPUR : रेलवे का रिटायर कर्मचारी दो बैंक खातों में 12 साल तक लेता रहा पेंशन, 60 लाख का हो गया भुगतान

जबलपुर में पास के दुरुपयोग में फंसे सीटीआई, झांसी में सीटीआई पर 19 लाख का डेबिट

JABALPUR. रेलवे वित्त व कार्मिक विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण रिटायर रेलकर्मी को दो अलग-अलग बैंक खातों में 12 साल तक पेंशन राशि का भुगतान होता रहा. घटना पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल की है. इस दौरान 60 लाख से अधिक राशि का भुगतान रेलवे खाता से रिटायर कर्मचारी चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) अमर सिंह को हो चुका था.

इस बीच अमर सिंह की मृत्यु होने पर जब पत्नी ने फैमिली पेंशन के लिए आवेदन दिया तब एकाउंट विभाग को इस चूक का पता चला. इस मामले में अब लेखा विभाग के कर्मचारी हर्ष वर्मा को मेजर पेनाल्टी चार्जशीट जारी किया गया है. हर्ष वर्मा पमरे मजदूर संघ का मंडल कोषाध्यक्ष भी हैं.

जानिये क्या है मामला

जबलपुर में चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) के पद पर कार्यरत अमर सिंह 31 मार्च 2011 को सेवानिवृत्त हो गये थे. उनका पेंशन सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बिलहरी शाखा में पेंशन आता था. स्टेंडिंग भुगतान के लिए अमर सिंह कोर्ट गये. 2021 में उन्हें रेलवे से एरियर्स मिला. अमर सिंह ने रेलवे में आवेदन देकर पेंशन एकाउंट सेंट्रल बैंक आफ इंडिया (सीबीआई) बिलहरी शाखा से स्टेट बैंक आफ इंडिया मढ़ाताल ब्रांच में करने का अनुरोध किया.

यही चूक हो गयी. कर्मिक व लेखा विभाग ने अमर सिंह के सीबीआई शाखा से पत्राचार किया और दूसरे बैंक को बिना सूचित किये एसबीआई में पेंशन भुगतान के लिए पीपीओ आर्डर 2 जून 2021 को जारी कर दिया. इसमें पेंशन की देय तिथि 31 मार्च 2011 दी गयी. रेलवे से अमरसिंह का पीपीओ मिलते हीदर्ज पेंशन देय तिथि 31 मार्च 2011 को मानते हुए एसबीआई ने 1 अप्रैल 2011 से नवम्बर 2021 तक का एरियर्स 46 लाख 8 हजार 508 रुपए का भुगतान उन्हें कर दिया.

यही नहीं दिसम्बर 2021 से लेकर फरवरी 2023 (अमरसिंह की मृत्यु तक) प्रतिमाह पेंशन जो लगभग 75 हजार रुपए प्रतिमाह होती है, वह भी भुगतान होता रहा. मजे की बात यह रही कि इस दौरान सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बिलहरी शाखा में भी अप्रैल 2011 से फरवरी 2023 तक हर माह निर्धारित पेंशन अमरसिंह को मिलता रहा. इस प्रकार अमर सिंह के खाता में रेलवे से लगभग 60 लाख रुपए का भुगतान हो चुका है.

अमर सिंह की फरवरी 2023 में मृत्यु हो गयी. उसके बाद पत्नी फेमिली पेंशन पाने के लिए पमरे के प्रमुख मुख्य वित्त अधिकारी एवं लेखा नियंत्रक कार्यालय पहुंची. यहां अमर सिंह के रिकार्ड तलाशे गये तो इस गड़बड़ी का पता चला. रेलवे के अधिकारी इस बात पर अचंभित हो गये कि दो अलग-अलग बैंक खातों में पेंशन पहुंचती रही और इसका पता किसी को नहीं चला.

पमरे मुख्यालय के निर्देश पर जबलपुर रेल मंडल का लेखा विभाग मामले की जांच कर रहा है. फिलहाल लेखा विभाग के कर्मचारी हर्ष वर्मा को आरोपी व लापरवाह मानते हुए मेजर पेनाल्टी चार्जशीट दी गयी है. अब इसे घोटाला कहां जाये या लापरवाही यह तो आने वाले जांच रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा.

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