Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

देश-दुनिया

अवैध कमाई का जरिया बने रेलवे के माल गोदाम की व्यवस्था होगी आउटसोर्स, शुरू हुई तैयारी

अवैध कमाई का जरिया बने रेलवे के माल गोदाम, हर माह होती है लाखों की वसूली
  • निजी एजेंसी को सौंपी जायेगी रखरखाव की व्यवस्था, राजस्व का रास्ता भी खुद तलाशेंगी एजेंसी

नई दिल्ली. रेलवे को करोड़ा का राजस्व देने वाले बड़े स्टेशनों के माल गोदाम इन दिनों अवैध कमाई का अड्डा बने हुए है. आरपीएफ व कामर्शियल के अधिकारियों की मिलीभगत से रैक के डिटेंशन टाइम में हेराफेरी करने के साथ ही से भारी वाहनों की पार्किंग कराकर रुपये हर माह लाखों की वसूली रेलकर्मी कर रहे हैं. राशि का बंदरबाद कामर्शियल विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से लेकर आरपीएफ के आला अधिकारी व जवान तक को जाता है. रेलवे को चूना लगाकर ये रेलकर्मी मलामाल हो रहे हैं.

इसका खुलासा आरपीएफ की आईवीजी टीम पहले ही कर चुकी है लेकिन तमाम दिशानिर्देशों के बावजूद इन अवैध उगाही पर अब तक अंकुश नहीं लग सका है. अब रेलवे इन माल गोदाम की व्यवस्था को भी आउटसोर्स करने जा रही है. इसी पहल उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में की गयी है. यहां करीब एक दर्जन माल गोदामों की दशा सुधारने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉ़डल पर बीओटी (बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) योजना पर काम चल रहा है.

इस योजना के तहत कोई एजेंसी, कंपनियां अथवा संस्था (एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट) के तहत निविदा में हिस्सा ले सकती हैं. एजेंसी को ही माल गोदाम के विकास और सुधार कार्य की योजना बनानी होगी. इसके लिए लगने वाले खर्च का आकलन भी एजेंसी ही करेगी. ऐसी एजेंसी के साथ अधिकारी प्री बिड मीटिंग करेंगे और बेहतर प्रस्ताव को स्वीकार किया जायेगा. माल गोदामों की व्यवस्था देखने वाली निजी एजेंसियों को रेलवे राजस्व में हिस्सेदारी भी देगी.

यह भी पढ़ें : अवैध कमाई का जरिया बने रेलवे के माल गोदाम, हर माह होती है लाखों की वसूली

आम तौर पर रेलवे के लगभग सभी माल गोदाम की स्थिति काफी दयनीय है. कीचड़ और गंदगी के बीच ट्रकों की आवाजाही से बड़े-बड़े गड्ढे और उड़ने वाली धूल पर्यावरण नियमों की हवा निकाल देती है. टूट शेड और अन्य खराब व्यवस्था के कारण अक्सर सीमेंट, चावल आदि खाद्य सामान खराब होने का खतरा बना होता है जिसकी मार व्यापारियों पर पड़ती है. इसलिए इन माल गोदामों की दशा सुधारने के लिए (बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) योजना लागू की गयी है.

माल गोदाम में निवेश करने वाली एजेंसी ही यह सुझाव रेलवे को देगी कि वह लगाये गये धन की वसूली किस तरह करेगी. रेलवे का प्रयास है कि माल किराये में वृद्धि किये बिना किस तरह नये मॉडल को अपनाया जाये ताकि व्यापारियों को माल गोदाम में सुविधाएं भी मिल सके और रेलवे का अतिरिक्त लागत खर्च यथावत रहे. नयी व्यवस्था में लोडिंग-अनलोडिंग प्लेटफार्म, पूरा एरिया, बिजली व्यवस्था, पेयजल, श्रमिकों व व्यापारियों के बैठने की व्यवस्था, मुख्य सड़क से बेहतर संपर्क के साथ पर्यावरण को बेहतर बनाना शामिल होगा.

 

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

New Delhi. The Railway Board has given an additional charge of Member (Infrastructure) to DG (HR) after the former superannuated on September 30, 2024....

रेलवे न्यूज

रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस के लिए 2019 में ही बनायी गयी थी कमेटी, 05 साल बाद भी खत्म नहीं हुआ इंतजार 22 जनवरी 2024...

रेलवे जोन / बोर्ड

रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण और री-मॉडलिंग प्रोजेक्ट का बिल पास करने में कमीशन की मांग का आरोप  सीबीआई ने गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की,...

रेलवे जोन / बोर्ड

NEW DELHI. 1987 batch IRSSE Smt. Vijaylaxmi Kaushik is appointed as AM (Signal), Railway Board. Shri Alok Chandra Prakash, General Secretary, IRSTMU has expressed his...