- नई दिल्ली के जन्तर मन्तर के अलावा डिवीजनल कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी
NEW DELHI. पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच (#JFROPS) के आह्वान पर 8 से 11 जनवरी के बीच जन्तर-मन्तर समेत रेलवे के सभी डिवीजनल कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. इस क्रम में ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर समर्थित यूनियनों के नेता प्रशासनिक कार्यालयों, उत्पादन इकाईयों तथा अन्य यूनिटों के सामने सुबह 9.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक क्रमिक अनशन/भूख हड़ताल पर बैठ रहे.
एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार पुरानी पेंशन योजना की बहाली उन सभी केन्द्र एवं प्रदेशों के सरकारी कर्मचारियों एवं रेल कर्मचारियों का प्रमुख मुददा है, जो 01.01.2004 के बाद से सरकारी सेवा में आए हैं और पिछले वर्ष से सभी सरकारी कर्मचारी एवं रेल कर्मचारी जिनमें रक्षा, शिक्षक तथा सरकारी उत्पादन इकाईयां आदि भी शामिल हैं, श्री मिश्रा ने कहा कि आम हड़ताल की नोटिस देने से पहले सरकार को चेताने के लिए एक मौका और दिया जा रहा है. इसमें 8 से 11 जनवरी 2024 तक भूख हडताल चलेगी.
इस क्रम में चक्रधरपुर में साउथ इस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के नेताओं की भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मेंस यूनियन के दर्जनों अधिकारी व सदस्य डी आर एम कार्यालय के समीप भूख हड़ताल पर बैठे. एक राष्ट्र में दो तरीके के पेंशन प्रावधान को गलत ठहराते नेताओं ने एनपीएस को कर्मचारी विरोधी नीति बताते हुए, इसे शीघ्रता से समाप्त कर पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की. और यदि सरकार द्वारा हमारी इस जायज मांग नहीं मानने पर भविष्य में रेल को रोकने का भी काम किया जाएगा, जिसकी जिमेवारी सरकार की होगी.आंदोलनकारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन की मांग को लेकर 11 जनवरी को रिले हंगर फास्ट रैली का आयोजन किया जायेगा.
आंदोलन में मेंस यूनियन के उपाध्यक्ष शिवजी शर्मा, अतिरिक्त महासचिव जवाहर लाल, राजेश श्रीवास्तव, राजेश कुमार, ओम प्रकाश मिश्र, जगत नारायण सिंह, संजय सिंह, कार्तिक शर्मा , संकु सरदार, संजय पाठक, बाबू राव, राकेश कुमार, जे बी सिंह, उपेंद्र सिंह , सूरज , मुकेश, इत्यादि सहित सैंकड़ों रेलवे कर्मचारी शामिल हुए.