- रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस के लिए 2019 में ही बनायी गयी थी कमेटी, 05 साल बाद भी खत्म नहीं हुआ इंतजार
- 22 जनवरी 2024 को मुंबई मंडल (WR) के भायंदर स्टेशन पर सिग्नल के तीन कर्मचारियों की हो गयी थी मौत
- एक माह दस दिन में 09 कर्मचारियों की मौत के बाद 14 मार्च 2024 को मनाया गया था देशव्यापी काला दिवस
CHENNAI. रेलवे में सुरक्षा, संरक्षा व समय पालन का मूलमंत्र ही अब पटरी से (derailed) उतर गया है. सेफ्टी को लेकर लगातार चल रही जद्दोजहद व घोषणाओं के बीच बीते एक सप्ताह में सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन विभाग के चार कर्मचारियों की मौत ने रेलवे के तमाम प्रयासों को कटघरे में खड़ा कर दिया है. प्रयागराज रेलमंडल में 11 अक्टूबर को ESM ।। TSL अनिल कुमार, भोपाल डिवीजन में 07 अक्टूबर को ASST/SIG/ODG आकाश गोस्वामी, 08 अक्टूबर को आद्रा डिवीजन में ASST/BJE तपन दास, रांगिया डिवीजन में 12 अक्बूर को Sr. Tech पवन कुमार पासवान की कार्य के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गयी.
पटरी पर मौतों को लेकर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का मौन सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन विभाग के कर्मचारियों को दर्द दे रहा है, जो लगातार कार्य की प्रकृति को लेकर रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस की मांग कर रहे. ऐसा नहीं है कि इस मामले में पहल नहीं की गयी. रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस के लिए 2019 में ही कमेटी का गठन किया गया लेकिन 05 साल बाद भी उस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. फेडरेशन के यूनियन नेताओं ने भी कर्मचारियों के लिए घोषणाओं तो की लेकिन दो साल बाद भी उन्हें उनकी याद तक नहीं आयी.
पटरी पर हादसों के मामले में इस साल की 22 जनवरी 2024 का दिन काला रहा था जब मुंबई मंडल (WR) के भायंदर स्टेशन पर रात 20:55 बजे फेलियर अटेंड करने के दौरान सिग्नल के तीन कर्मचारी एक साथ काल कलवित हो गये. हादसे में SSE/SIG Shri Vasu Mitra, ESM Shri Somnath Uttam L और ASST Shri Sachin Wankhede की मौके पर ही मौत हो गयी. इस पर रेलवे बोर्ड तक ने संज्ञान लिया और दु:ख जताया लेकिन संरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर उठायी जाने वाली नाईट में फेल्योर रेक्टिफिकेशन गैंग की व्यवस्था, कर्मचारियों का रोस्टर ड्यूटी का निर्धारित, रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस के भुगतान पर रेलवे अधिकारी मौन रहे.
इंडियन रेलवे सिगनल एंड टेलीकॉम मेंटेनर्स यूनियन (IRSTMU) ने विभागीय कर्मचारियों की मांगों को लेकर अनशन, आंदोलन से लेकर हादसों पर ब्लैक डे तक मनाया. अपनी बात रेलमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की. फेडरेशन के नेताओं तक बात पहुंचायी. सांसदों का सहयोग मांगा लेकिन अब तक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने को लेकर रेलवे बोर्ड स्तर पर कोई गंभीरता नहीं दिखायी जा सकी है. IRSTMU के महासचिव आलोक चन्द्र प्रकाश ने कर्मचारियों से संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया.
IRSTMU के अध्यक्ष नवीन कुमार, महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने कहा कि रेलवे बोर्ड के अधिकारियों तक बात पहुंचायी गयी है. बोर्ड ने कर्मचारियों को और अधिक सावधान होकर काम करने की सलाह तो दी है लेकिन कार्य स्थल पर ट्रेन परिचालन को लेकर पड़ने वाले दबाव का आकलन नहीं कराया. इसी साल एक माह दस दिन में 09 सिग्नल एवं दूरसंचार कर्मचारीयों की असमायिक मौत को लेकर इंडियन रेलवे सिगनल एंड टेलीकॉम मेंटेनर्स यूनियन ने 14 मार्च, 2024 को काला दिवस भी मनाया. उपवास और मौन व्रत रखा गया लेकिन अब तक यूनियन रेलमंत्री का मौन तोड़ने में असफल रही है.
IRSTMU की प्रमुख मांगें
- नाईट में फेल्योर रेक्टिफिकेशन गैंग की व्यवस्था तत्काल की जाए
- सभी सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों का रोस्टर ड्यूटी निर्धारित हो
- रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस का भुगतान सिग्नल एवम् दूरसंचार विभाग को हो
- विभाग में रिक्त पड़े सभी पदों को जल्द से जल्द भरा जाए.
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