AGRA. रेलवे ने अपनी एतिहासिक कार्रवाई में गुरुवार 29 दिसंबर 2022 को आगरा में अवैध रूप से कराये गये धार्मिक स्थलों को ढहा दिया. यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में दिखायी गयी जिसका परिणाम हुआ कि विरोध नहीं के बराबर हुआ. हालांकि धार्मिक स्थलों को दी गयी नोटिस के बाद लोगों ने दो-दाे हाथ करने की चेतावनी जरूर दी थी लेकिन बुलडोजर के सामने कोई नहीं आया. डीजल शेड में कुछ दिनों पहले ही मजार हटाया गया था. आज हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के धार्मिक स्थलों को रेलवे की जमीन से हटा दिया गया.
आरपीएफ और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में यह कार्रवाई को अंजाम दिया गया. रेलवे की टीम पहले पहले पहलवान शाह बाबा की दरगाह पर पहुंची. दरगाह में बैठे बाबा को बाहर निकाला, उनका सामान भी बाहर रखा. फिर कुछ ही मिनटों में पूरी दरगाह ध्वस्त कर दी गयी. कुछ लोगों ने मस्जिद गिराए जाने पर आक्रोश जताया. लोगों का कहना था कि बिना नोटिस यह कार्रवाई की गयी है.
दरगाह सैकड़ों वर्ष पुरानी थी. इसके बाद नगला पुलिया के पास दो दरगाह को खाली कराकर उसे भी गिरा दिया गया. मात्र 15 मिनट में यहां दरगाह का ढांचा गिराकर बुलडोजर को मंदिर की ले जाया गया. रेलवे किनारे वर्षों पुरानी मंदिर से देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बाहर निकाल दी गयी. इसके लिए कुछ समय दिया गया. इसके बाद बुलडोजर से मंदिर का ढाचा भी गिरा दिया गया. मंदिर तोड़ने के बाद भूरे शाह बाबा की दरगाह को भी ढहा दिया गया.
आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आज कई धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की गई है. यह धार्मिक स्थल रेलवे की भूमि पर अवैध रूप से बने हुए थे. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश है कि ऐसे सभी धार्मिक स्थलों को हटाया जाए. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में ही इस कार्रवाई को कराया जा रहा है. धार्मिक स्थलों को हटाए जाने से पहले उन्हें नोटिस भी जारी किए गए थे लेकिन स्वयं धार्मिक स्थल को हटाए जाने पर आरपीएफ कार्रवाई कर रही है.