- रेल मंत्री ने बिमलागढ़, राजगांगपुर, पानपोष, राउरकेला और हेमगीर स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने का किया था दावा
ROURKELA. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister) जनवरी के अंत तक चक्रधरपुर रेलमंडल के बिमलगढ़ रेलवे सेक्शन का निरीक्षण कर सकते हैं. इसकी सूचना जोनल मुख्यालय से मिलने के बाद रेलमंडल में हलचल तेज है. हालांकि अभी रेलमंत्री का कार्यक्रम के फाईनल होने की खबर नहीं आयी है लेकिन जनवरी 29 को उनके बिमलगढ़ पहुंचने का तेज होती चर्चा के बीच रेलवे जीएम से लेकर चक्रधरपुर डीआरएम कील-कांटों को दुरुस्त करने में जुट गये हैं.
रेलमंत्री के दौरे को लेकर उन स्थानों पर कमियों को देखा जा रहा जहां अश्विवी वैष्णव के जाने की सूचना है. यहां यह बताना लाजिमी है कि मई 2024 में ओडिशा विधानसभा चुनाव के दौरान बोनाई विधानसभा दौरे पर आये रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य के बिमलागढ़, राजगांगपुर, पानपोष, राउरकेला और हेमगीर स्टेशनों को विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की बात कही थी. रेलमंत्री की घोषणा वाले स्टेशन चक्रधरपुर रेलमंडल में आते हैं.
दूसरी ओर ओडिशा के एक स्टेशन बंडामुंडा में प्लेटफॉर्म के फर्स की मरम्मत के नाम पर थूक पॉलिस करायी जा रही है. स्टेशन के टूटे-फूटे फर्श और पेबर्स को दुरुस्त किया जा रहा. दिलचस्प है कि जहां फर्श की मरम्मत का काम चल रहा है उसे लगाये गये अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है. इससे निर्माण की गुणवत्ता पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं.
बंडामुंडा रेलवे स्टेशन के वाटर बूथ की स्थिति को सफाई नहीं होने के कारण बदतर हो चुकी है. वाटर बूथ पर पानी लेने जाने वाले यात्रियों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा. यही नहीं स्टेशन पर मौजूद शौचालयों पर ताला लगा है. सफाई नहीं होने के कारण बाथरूम के भीतर धूल की मोटी परत जम चुकी है. हां, यह अच्छी बात है कि रेल मंत्री के दौरे की खबर के साथ ही अधिकारी सक्रिय हो गये हैं और आनन-फानन में पूरे स्टेशन परिसर को दुरस्त करने का काम शुरू हो चुका है.
नये डीआरएम की सक्रियता से रेलमंडल का सोया हुआ सिस्टम सक्रिय
नये डीआरएम तरुण हुरिया की सक्रियता ने रेलमंडल के सो रहे सिस्टम को भी सक्रिय कर दिया है. डीआरएम लगातार निरीक्षण कर रेलकर्मियों की सक्रियता के साथ ही यात्री सुविधाओं को जानने-समझने का प्रयास कर रहे हैं .इस दौरान उनकी नजर उन योजनाओं पर भी है जिन पर रेलवे और सरकार के लाखों-करोड़ों रुपये खर्च हो रहे. योजनाओं में सामने आयी कमियों की डीआरएम स्वयं समीक्षा भी कर रहे, इससे दूसरे अधिकारियों की भी सक्रियता बढ़ गयी है. रेलवे महकमे में यह चर्चा है कि डीआरएम की यह सक्रियता आने वाले दिनों में क्या होगी वह उनकी कार्यप्रणाली की दशा और दिशा को भी तय करेगा.