नई दिल्ली. भारतीय रेल के भाप के इंजन (स्टीम इंजन) वाली छवि अब लंबे समय तक नहीं बनी रहेगी. वह स्टीम इंजन के आइकॉनिक लोगो को बदलने की योजना पर काम कर रहा है. देश के आजाद होने के बाद इंडियन रेलवे के लिए यह पहला इमेज मेकओवर होगा.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अभी रेलवे का लोगो प्रदूषित स्टीम इंजन को दिखाता है, जो काला धुंआ छोड़ रहा है. यह सरकार के भविष्य में क्लीन फ्यूल के संकल्प से पूरी तरह अलग है. इसलिए रेलवे भविष्य को देखते हुए अपने इस आइकॉनिक लोगो को आधुनिक सिंबल में बदलने पर काम कर रहा है.’
डीजन इंजन होंगे इतिहास
मंत्रालय ने घोषणा की है कि 2022-23 तक रेलवे का पूरा ट्रैक बिजली से चलने वाला हो जाएगा, तब डीजल इंजनों को ट्रैक से हटा दिया जाएगा. इससे प्रदूषण में कमी आएगी. रेलवे इसके अलावा हल्के, ऐलमीनियम हाईस्पीड ट्रेन सेट्स को शामिल करने पर भी विचार कर रहा है.
टीटी की नई ड्रेस
लोगो के अलावा रेलवे मंत्रालय मौजूदा रेल कोचों की कलर स्कीम को भी बदलने पर विचार कर रहा है. इसके जरिए मंत्रालय नैशनल ट्रांसपोर्टर को नया लुक देना चाहता है. इसमें टीटीई के ड्रेस में भी बदलाव हो सकता है. रेलवे में टीटीई आपको भविष्य में ब्लैक कोट-पैंट के बजाय नई स्पोर्ट्स ड्रेस में दिख सकते हैं. उनके हाथ में पॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीन और एक माइक्रो प्रिंटर हो सकते हैं.
नया नाम?
मंत्रालय भारतीय रेल की रीब्रांडिंग करके ‘इंडिया रेल’ भी कर सकता है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि हमारी ट्रेन के मौजूदा कोच बाहर से जर्जर न दिखें. हम अंदर और बाहर दोनों तरफ से कोच को अच्छा लुक देना चाहते हैं. हम रेलवे में जो नए कोच शामिल कर रहे हैं, वे वर्ल्ड क्लास हैं. इसके इंटीरियर पर फिर से काम किया जा रहा है. इन सभी बदलावों को पूरा करने के लिए जल्द ही एक समिति बनाई जाएगी. 2014 में देश की सत्ता संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने रेलवे में रेलवे में भी बड़े सुधार की बात कही थी. अगले वित्त वर्ष में सरकार ने रेलवे में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है. इसमें से ज्यादातर पैसा रेलवे में सुरक्षा कार्यों पर खर्च किया जाएगा.
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