- ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री ने रेलमंत्री से मिलकर बतायी समस्याएं
- अगस्त में कई मांगों को लेकर हो सकता है बड़ा आंदोलन
नई दिल्ली. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेलमंत्री पीयूष गोयल से मिलकर उन्हें लगातार मामलों को लटकाये जाने पर चिंता जतायी. 30 जुलाई को रेलमंत्री को सौंपे अपने पत्र के माध्यम से शिवगोपाल मिश्रा ने कर्मचारियों की समस्याओं से रेलमंत्री को अवगत कराया और हर कैडर के कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से बताया. कॉम. मिश्रा ने पत्र में कहा है कि ट्रैकमैन से लेकर एक्ट अप्रेंटिस के मामले में निर्णय होने के बाद उसे लटकाया जा रहा है. लारजेस को लेकर कई दौर की बात हो चुकी है, बावजूद मामला जहां का तहां है. मिश्रा ने इस बात पर चिंता जतायी कि सरकार और रेल प्रशासन के स्तर पर किसी भी बातचीत को उसके समाधान तक नहीं पहुंचाया जा सका है.
रनिंग स्टॉफ की परेशानियों को याद दिलाते हुए शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि उनकी कई परेशानियों है बावजूद उनके समाधान को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं. यह बात बार-बार आती रही है कि रनिंग कर्मचारियों के काम के घंटे तय हो, बावजूद अब भी उनसे 12 घंटे काम लिया जा रहा है. हालांकि इस मामले में निर्णय लिया जा चुका है और अंतिम निर्णय जोनल जीएम को लेना है. वैसे शिवगोपाल मिश्रा ने रेलवे की वर्तमान कार्यप्रणाली को देखते हुए इस पर संदेह जताया कि यह जल्द हल हो जायेगा.
रेलमंत्री के मिलने के बाद शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर एनसीजेसीए ने केंद्र सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि अगर मांगे 7 अगस्त तक पूरी न हुईं, तो आगे वह कोई भी कड़ा फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे. मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि रेलकर्मियों की लंबित मांगों को पूरा करने का जुलाई 2016 में ही सरकार द्वारा भरोसा दिया गया था, दो साल बाद भी स्थिति जस के तस बनी हुई है.