- रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने दिया यात्री सुविधा में इजाफा करने का संकेत, जनरल क्लास को भी बेहतर सुविधा
- बेईमानी और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसके लिए जीरो टॉलरेंस की नीति भी की जायेगी लागू
- गलती को स्वीकार किया जा सकता है लेकिन जानबूझकर लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली. रेलवे के वर्क कल्चर बदलाव का संकेत रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दे दिया है. सभी जोनल मैनेजर और डिविजनल रेलवे मैनेजर की बैठक में रेल मंत्री ने सख्ती दिखाते हुए ईमानदार रवैया अपनाने की चेतावनी दी है. कहा है कि ईमानदारों के साथ वह खड़े हैं लेकिन बेईमानी और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. रेलमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जीरो टॉलरेंस की नीति लागू होगी. इसलिए लापरवाह और आचरण के ढुलमुल लोग सावधान हो जाये क्योंकि अगले तीन साल उनका ऐसा करना उन पर भारी पड़ सकता है.
इसके साथ ही मंत्री ने आने वाले समय में रेलवे अधिकारियों के लिए रोड मैप भी तैयार कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि अब अधिकारी अपने-अपने डिवीजन में बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर की तरह नजर आयेंगे. सरकारी अफसरशाही नहीं चलेगी और उन्हें निजी कंपनियों और मार्केटिंग कंपनियों की तरह काम करते नजर आना होगा. मना जा रहा है कि रेल मंत्री ने बदलाव का जो रोड मैप बनाया है उसमें रेलवे बोर्ड से लेकर डिवीजन तक का खाका खींचा गया है. इस पर काम शुरूहो चुका है और रेल मंत्रालय अपने 13 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के वर्क कल्चर को बदलने का प्लान बना रहा है. हालांकि रेल मंत्री भी यह मान रहे है कि यह चुनौती है लेकिन इस दिशा में काम शुरू हो गये हैं.
जनरल कोच के यात्री को भी मिलेगी, सुविधा रेल यात्रियों की सेफ्टी से कोई समझौता नहीं
रेल मंत्री ने अपने संबोधन में अधिकारियों को साफ कर दिया है कि सरकार की प्राथमिकता रेल यात्रियों को सुविधा हर यात्री तक उपलब्ध कराना है. इसमें जनरल कोच में सफर करने वाला यात्री भी शामिल होंगे और उन्हें भी बेहतर और विश्व स्तरीय सुविधा का हकदार माना जाये. उसके अनुसार रेलवे अधिकारी अपने प्लान को इक्जीक्यूट करने की तैयारी करें. अश्वनी वैष्णव ने कहा कि रेल यात्रियों की सेफ्टी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. लिहाजा बैठक में तमाम जनरल मैनेजर और डीआरएम को इस मामले में हिदायत दी गई कि गलती को स्वीकार किया जा सकता है लेकिन जानबूझकर लापरवाही बरतने वाले रेल कर्मचारियों अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय है. रेलवे को बड़े बदलाव के लिए तैयार रहना होगा और लक्ष्य है कि अगले तीन साल में ये सुनिश्चित हो कि पेंशन मिलने में आगे किसी भी पूर्व रेलवे कर्मचारी कोई दिक्कत न हो.
रेलवे के इस समय 18 लाख पेंशनर हैं. यही कारण है कि रेल मंत्री का पूरा जोर आमदनी बढ़ाने पर है. वह चाहते है कि कॉर्पोरेट कंपनी की तर्ज पर काम करने के तरीके को अधिकारी बदले और राजस्व के नये स्रोत की तलाश करें. देशभर के अधिकारियों की बैठक में रेलवे ने माल भाड़ा ढुलाई से आमदनी बढ़ाने के लिए पूरी मैपिंग कर ली है. बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले दिनों में रेलवे को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर देश के हर जिलों में सर्वे कर माल भाड़े की दुलाई को बढ़ाना होगा.