- लौहनगरी जमशदेपुर का इतिहास लेकर दौड़ी स्टील एक्सप्रेस, डीआरएम ने किया रवाना
- शहर की संस्कृति, खेल, शिक्षा समेत भारत के इतिहास व राष्ट्र निर्माण में भूमिका की मिलेगी झलक
रेलहंट ब्यूरो, जमशेदपुर
निजीकरण की राह पर चल पड़ी रेलवे ने टाटा स्टील को लगभग 50 लाख में निश्चित समय अवधि के लिए टाटा से हावड़ा चलने वाली स्टील एक्सप्रेस का ब्रांडिंग अधिकार सौंप दिया है. इस तरह जमशेदपुर के शताब्दी वर्ष के मौके पर टाटा स्टील की परिकल्पना से सजी लौहनगरी के एतिहासिक बिरासत को समेट स्टील एक्सप्रेस मंगलवार 18 जून को टाटानगर से हावड़ा के लिए रवाना की गयी.
जमशेदपुर अन रेल्स की थीम पर शहर की सांस्कृतिक बिरासत का प्रदर्शन ट्रेन करेगी. टाटानगर से चलकर विभिन्न स्टेशनों से गुजरकर देश के पूर्वी छोर पर बसे कोलकात तक जाने वाली इस ट्रेन को जमशेदपुर के शताब्दी वर्ष पर टाटा स्टील ने नयी थीम से सजाया है. ट्रेन को टाटानगर से आज सुबह चक्रधरपुर मंडल रेल प्रबंधक छत्रसाल सिंह, टाटा स्टील के वीपी आनंद सेन ने हावड़ा के लिए रवाना किया. टाटा स्टीन द्वारा अवारणाकृत ट्रेन की ब्रांडिंग हकीकत में शहर की संस्कृति, खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा समेत शहर के अन्य पहलुओं को दर्शाने वाली चलंत प्रदर्शनी है. ब्रांडेड स्टील एक्सप्रेस अपने कोचों के बाहरी हिस्से पर लौहनगरी की विस्तृत जानकारी, भारत के इतिहास और देश निर्माण में उसकी भूमिका को समेट कर चलेगी. इसमें 1919 से शहर के इतिहास की झलक मिलेगी.
ट्रेन की रवानगी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में चक्रधरपुर मंडल रेल प्रबंधक छत्रसाल सिंह ने इस बात पर खुशी जतायी कि जमशेदपुर के 100 साल पूरे होने के जश्न के थीम के साथ स्टील एक्सप्रेस को ब्रांडेड किया गया है. यह ट्रेन पूरे क्षेत्र के लिए प्रवेश द्वार का काम करती है. इस मौके पर टाटा स्टील के वीपी आनंद सेन ने कहा कि स्टील एक्सप्रेस लौटनगरी से जुड़ी अहम बिरसात है जो जमशेदपुर के अभिन्न हिस्सा है. जिसके माध्यम से जमशेदपुर की कहानी को साझा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील शुरू से रेलवे की बड़ी साझेदार रही है जो अपने कच्चे माल का 50 मिलियन टन हर साल रेलवे के माध्यम से परिवहन करती है. इसके अलावा तैयार उत्पाद का बड़ा हिस्सा भी रेलवे से परिवहन किया जाता है जिसका सालाना बजट 6000 करोड़ से अधिक है. इस मौके पर रेलवे के विभिन्न विभागों के प्रमुख और टाटा स्टील के अधिकारी व यूनियन नेता मौजूद थे.