लुधियाना. जम्मू के डोडा जिले में आयोजित गृहमंत्री राजनाथ सिंह की रैली में सुरक्षा ड्यूटी पर जा रहे एनएसजी के 14 जवानों को रेलवे चैकिंग स्टॉफ ने बिना टिकट यात्रा करते पकड़ लिया. सभी जवान दूसरे जवानोंं के नाम वाले वारंट पर यात्रा कर रहे थे. इतना नहीं जिन जवानों के नाम पर रेलवे की तरफ से बुकिंग के लिए स्पेशल कोटा जारी किया गया था वो भी वारंट जारी होने वाले जवानों के नाम पर थे.
रेलवे चैकिंग स्टॉफ ने सभी जवानों से जुर्माने के रूप में 27,850 रुपए वसूल किए. जवानों के पकड़ने जाने पर दिल्ली से लेकर जम्मू तक के मंत्रालयों में अफरा-तफरी मची रही. सभी लोग मामले को रफा-दफा करवाने में जुटे रहे. लेकिन, चैकिंग स्टॉफ जुर्माना वसूलने की जिद पर ही अड़ा रहा. आखिरी अफसरों ने माना कि वारंट जारी करने में ही गलती हुई है. जिस पर उन्होंने जुर्माना वसूल कर ही जवानों को जाने दिया. फिरोजपुर मंडल के अफसरों ने इस मामले की जांच दो अलग-अलग टीमों से बुधवार को करवाई. जिन्होंने चैकिंग स्टॉफ के बयान दर्ज भी किए और दस्तावेज जांचे.
लुधियाना से चैकिंग के लिए ट्रेन में चढ़े चैंकिंग स्टाफ के हेड कंवलजीत सिंह ने बताया कि लुधियाना से चैकिंग शुरू की गई. उनके साथ ड्यूटी कर रहे जसविंदर सिंह रत्ती को कुछ शक हुआ. इस पर उन्होंने एक यात्री को टिकट चेक करवाने के लिए कहा. पहले तो जवान ने खुद को एनएसजी का डीसीपी बताते हुए उन पर दबाब बनाकर टिकट चैक करवाने से मना कर दिया. जब उससे टिकट के साथ आई कार्ड मांग कर चेक किया गया तो लिस्ट में उनका नाम न होने पर शक और बढ़ गया. इसी बात को लेकर उसके साथ चल रहे अन्य 13 लोगों के आई कार्ड व टिकट चेक करने पर सारा मामला सामने आया.
स्टॉफ ने रेलवे नियमों के मुताबिक ही कार्रवाई की है. अगर कोई दूसरे की टिकट पर यात्रा करता है तो उसे बिना टिकट ही माना जाता है. इस संबंध में बुधवार को दो अलग-अलग टीमों ने भी दस्तावेजों की जांच की. जिसमें स्टाफ की कार्रवाई ठीक निकली. रेलवे के लिए सभी यात्री एक समान है. – रोशन सिंह, सीनियर डिवीजनल कमर्शियल मेनेजर