डीजल चोरी में फरार आठ आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद आरपीएफ टीम ने किया धंधे का खुलासा, दो रेलकर्मी थे शामिल
बिलासपुर. रेलवे के आइल टैंक ट्रेन से डीजल चोरी करने वाले आठ फरार आरोपितों को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपितों में दो रेलकर्मी हैं. इसमें एक लिपिक है जो आइल टैंक के गुजरने की सूचना देता था. वहीं दूसरा कर्मचारी पाइंटमैन है और वह आरपीएफ पर नजर रखता था. उनके पहुंचते ही चोरों को जानकारी देता था. साथ ही सिग्नल लाल भी कर देता था. इसके बाद तेल गाड़ी खड़ी हो जाती थी.
पिछले दिनों आरपीएफ ने आइल टैंक ट्रेन से डीजल चोर गिरोह एक सदस्य को 40 जेरीकेन डीजल के साथ गिरफ्तार किया था. वहीं 10 अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए. आरपीएफ फरार आरोपितों की तलाश में जुटी हुई थी. इसी बीच शनिवार को उसलापुर आरपीएफ आउटपोस्ट प्रभारी वीरेंद्र कुमार को शाम 7.30 बजे के करीब सूचना मिली कुछ लोग तेल चोरी की योजना बना रहे हैं. उन्होंने इसकी जानकारी पोस्ट प्रभारी डी बस्तिया को दी. उनके आदेश के बाद उपनिरीक्षक सहायक उप निरीक्षक यूएस श्रीवास, प्रधान आरक्षक डीके कौशिक, आरक्षक पीके कश्यप व प्रधान आरक्षक टी राय एंव एसके कश्यप के साथ मौके पर पहुंचे. इसके बाद निगरानी कर रहे थे.
रात नौ बजे टाटा मैजिक क्रमांक सीजी 10 एएफ 8615 पहुंची. इसमें छह लोग सवार थे. उनमें चार व्यक्ति उतरे और झाड़ियों की तरफ गए और कुछ वजनी सामान को ले जाते हुए नजर आए. टाटा मैजिक को चौतरफा घेराबंदी कर सभी को पकड़ लिया गया. उनके कब्जे प्लास्टिक का जेरीकेन मिला. जिसे खोलकर देखा गया तो उसके अंदर डीजल तेल निकला. पकड़े गए लोगों से पूछताछ पर उन्होंने अपना नाम बिलाल अंसारी, पिता स्व. युसुफ अंसारी (25) इमानवेल पीटर उर्फ पप्पू पिता पैट्रिक पीटर (23 ), जैनिल मसीह उर्फ जेंटो (29) , मोहम्मद इस्लाम उर्फ हलीम पिता मोहम्मद आरीफ (23), सोना सोनवानी पिता स्व. बिरजू सोनवानी (24) व गौकरण राज उर्फ लंबू पिता आदि प्रसाद राज (23) बताया. इनके नाम बताते ही यह पुष्टि हो गई कि 12 मार्च की रात घटना के बाद आरपीएफ को देखकर यह सभी फरार हो गए थे. इसके सभी को 60 लीटर डीजल व टाटा मैजिक के समेत गिरफ्तार कर उसलापुर आरपीएफ आउटपोस्ट लाया गया. यहां पूछताछ के दौरान सभी ने दो रेलवे कर्मियों की इस अपराध में शामिल होने की सूचना दी. इनमें से एक बिलासपुर रेलवे कंट्रोल में लिपिक के पद पर पदस्थ स्वराज नाग चौधरी (42) निवासी कंस्ट्रक्शन कॉलोनी है.
यही आइल टैंक ट्रेन के आने की सूचना फोन पर आरोपितों को देता था. वहीं दूसरा तिफरा ब्रिज के पास केबिन में पाइंटर सेटिंग का काम करने वाला डनिल्ड विलियम उर्फ दानू विलियम (53) निवासी घासीदास मंदिर के पास तारबाहर है. यह आरपीएफ स्टाफ को पहचानता है. इसलिए वह आरोपितों को आरपीएफ के पहुंचने की खबर उन तक पहुंचाता था. इसके बाद पकड़े गए दो आरोपितों को लेकर आरपीएफ ने इन दोनों रेलकर्मियों के घर दबिश दी. दोनों घर ही मौजूद थे. उन्हें गिरफ्तार कर पोस्ट लाया गया. आठों आरोपित के खिलाफ धारा 3 (ए) आरपीयूपी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर फरार दो अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.
लिपिक को प्रति रैक 10 हजार व पाइंटमैन को मिलता था पांच हजार
पकड़े गए रेलकर्मियों को उसलापुर लाकर पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया गया. इस पर लिपिक स्वराज नाग चौधरी ने बताया कि वह 22 वर्षों से कार्यरत है. चार माह पहले उसके पास सोना सोनवानी व उसके कुछ साथी पहुंचे और कार्ड केबिन के पास से तेल चोरी करने में मदद मांगी. इसके एवज में प्रति रैक 10 हजार रुपये देने का लालच दिया. जिस पर वह राजी हो गया. इसी लालच में पाइंटमैन डनिल्ड विलियम उर्फ दानू भी आया. उसे भी निगरानी करने के एवज में प्रति रैक पांच हजार रुपये मिलता था. पकड़े गए आरोपितों ने भी बयान में आरपीएफ को बताया कि तारबाहर निवासी शेख मुल्तान का बेटा बाबू उर्फ असलम रकम की लेनदेन व तेल की खपत करता था. लेकिन इसे कहां खपाता था इसकी जानकारी केवल उसी को है. वह फरार है. इसके अलावा एक आरोपित वसीम की तलाश भी आरपीएफ कर रही है.
souce : nai dinia