रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
सोशल मीडिया पर निजीकरण का हवाला देकर पांच रुपये वाला प्लेटफॉर्म टिकट 50 रुपये में बेचे जाने की सूचना वायरल होने पर रेलवे की ओर से सफाई दी गयी है. सोशल मीडिया में वायरल हो रहा प्लेटफार्म टिकट पुणे जंक्शन का बताया गया है जिसकी कीमत बढ़ाकर 50 रुपये करने की बात चल ही है. सोशल मीडिया से उठी यह हवा राजनीतिक गलियों से लेकर आम लोगों तक पहुंच गयी है.
इस बीच रेलवे की ओर से ट्वीट कर यह सफाई दी गयी है कि कोरोना महामारी के समय प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ रोकने के लिए टिकट की कीमत को बढ़ाकर 50 रुपये किया गया है. रेलवे के अनुसार भीड़भाड़ वाले सीजन में रेलवे पहले भी प्लेटफॉर्म टिकट का मूल्य फैक्सी करता रहा है इसमें नया कुछ नहीं है.
पुणे स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट की कीमत 50 रुपये किये जाने की सूचना वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी पर टिप्पणी की. दिग्विजय सिंह ने कहा कि रेलवे प्लेटफार्म टिकट 3 रुपये का था, भाजपा के राज में यह 50 रुपये का हो गया है.
उधर, रेलवे के इस तर्क को ह्यूमन राइट्स कंज्यूमर्स प्रोटेक्शन काउंसिल के सचिव ने गैरतार्किक करार दिया है. काउंसिल के सचिव रविशंकर ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के बाद प्लेटफार्म पर पहले से ही आम लोगों का प्रवेश बंद है. कई स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट भी नहीं दिये जा रहे. यात्रियों को टिकट जांच के बाद ही स्टेशन में प्रवेश दिया जा रहा है. ऐसे में यात्रियों के परिजन खुद स्टेशन प्लेटफॉर्म पर जाने से परहेज कर रहे है. कुछ स्थानों पर अगर यह स्थिति है भी तो संख्या नाममात्र की है. ऐसे में कुछ स्टेशनों के लिए यह व्यवस्था लागू करने का रेलवे का तर्क स्वीकार करने योग्य नहीं है.