रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
शराब पीकर ड्यूटी पर आने वालों पर रेलवे बोर्ड ने सख्ती बरतने के संकेत दिये है. संरक्षा श्रेणी से जुड़े कर्मचारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर शराब के नशे में पाये गये तो बिना किसी स्पष्टीकरण के सीधे बर्खास्त कर दिया जायेगा. रेलवे के इस आदेश से सीधे प्रभावित होंगे चालक, सह चालक और गार्ड. इसके अलावा शंटिंग से जुड़े लोगों को भी इससे जोड़ा गया है ताकि सेफ्टी के अनुपालन में कोई कोताही नहीं बरती जाये. रेलवे बोर्ड ने अब तक का सबसे बड़े निर्णय में साफ कर दिया है कि शराब पीकर ट्रेन चलाने वाले रेल चालक, गार्ड की नौकरी चली जायेगी. अब तक नशे की स्थिति में पाये जाने पर रेल कर्मचारी को निलंबित किया जाता था, नए आदेश के मुताबिक सीधे बर्खास्तगी होगी. इसमें वो कर्मचारी है जो ट्रेन का संचालन करते हैं, चालक, सहायक चालक व गार्ड शामिल है.
तमाम नियमों और जांच के बावजूद शराब पीकर ड्यूटी में आने वालों का आकड़ा चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है. एक अनुमान के अनुसार इसकी संख्या कम होने के बाद भी खत्म नहीं हुई है. ब्रिथ एनालॉजर से हुई जांच में कई लोग शराब पीकर ड्यूटी में पकड़े गये हैं. नए नियम के बाद से वे कर्मचारी जो नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं उनके लिए ड्यूटी के दौरान नशा करना आसान नहीं होगा. क्योंकि पकड़ में आने पर नौकरी से बर्खास्तगी की तलवार लटकी रहेगी.
अभी चालक, सहायक चालक व गार्ड की ड्यूटी के दौरान चार बार जांच होती है. पहली बार तब जांच होती है जब कर्मचारी ड्यूटी पर जाता है. इसके बाद ड्यूटी होती है, वहां पर पहुंचने पर ब्रिथ एनालॉइर मशीन से जांच की जाती है. इसके बाद जब फिर ड्यूटी पर लिया जाता है तो, फिर ड्यूटी को ऑफ किया जाता है तब जांच की जाती है. यूनियन नेता भी यह मानते है कि नये नियम से रेलवे को लाभ होगा तो यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी.