NEW DELHI. भारतीय रेलवे मजदूर संघ (BRMS) के जेनरल सेेक्रेटी मंगेश एम देशपांडे ने रेलवे यूनियन चुनाव की घोषणा के बाद सभी मान्यता प्राप्त महासंघों एवं जोनल यूनियनों की मान्यता/सुविधाएं वापस लेने की मांग रेलवे बोर्ड की चेयरमैन सह सीईओ से की है. उन्होंने रेलवे बोर्ड का पत्र क्रमांक 2023/एसबीईसी-III/पॉलिसी/1 दिनांक 01.02.2024 का हवाला देते हुए बीआरएमएस पत्र क्रमांक बीआरएमएस/एसबीईसी/2023/16 दिनांक 11.12.2023 का जिक्र किया है.
रेलवे बोर्ड ने उपरोक्त संदर्भ संख्या 1 के तहत उल्लिखित अपने पत्र के माध्यम से, जुलाई-अगस्त, 2024 के महीने में क्षेत्रीय रेलवे पर ट्रेड यूनियनों की मान्यता के लिए गुप्त मतदान चुनाव आयोजित करने के लिए अधिसूचना जारी की गयी है.
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मंगेश एम देशपांडे ने इसका हवाला देते हुए कहा गया है कि जब भारत के चुनाव आयोग द्वारा संसद/विधान सभा या अन्य संवैधानिक निकायों के सदस्यों के लिए अधिसूचना जारी की जाती है, तो चुनाव लड़ने वाले दलों और उम्मीदवारों के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग चुनाव और यह भी देखने के लिए कि चुनाव प्रक्रिया की शुचिता खराब न हो, जैसा कि अतीत में आदर्श आचार संहिता के तहत निर्देश जारी करता रहा है. आयोग जिन शक्तियों के तहत ये आदेश जारी करता है, उनका स्रोत संविधान का अनुच्छेद 324 है. जो आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का आदेश देता है.”
उन्होंने बताया है कि बीआरएमएस ने पहले ही अपने पत्र संदर्भ संख्या 2 के माध्यम से रेलवे बोर्ड से अनुरोध किया है कि वर्तमान मान्यता प्राप्त फेडरेशनों और जोनल यूनियनों की मान्यता/सुविधाएं वापस लेकर सभी प्रतिस्पर्धी यूनियनों को समान स्तर का खेल का मैदान दिया जाना चाहिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में बोर्ड द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
इसलिए, बीआरएमएस एक बार फिर आपसे अनुरोध करता है कि प्राकृतिक न्याय के लिए और स्वतंत्र और निष्पक्ष गुप्त मतदान चुनाव आयोजित करना, मान्यता प्राप्त महासंघों और जोनल की सुविधाएं जोनल की सभी प्रतिस्पर्धी यूनियनों को समान स्तर का अवसर देने के लिए यूनियनों को वापस लिया जाना चाहिए.
भारतीय रेलवे मजदूर संघ की ओर से रेलवे बोर्ड को भेजा गया पत्र