- रेल कर्मचारियों की हड़ताल, इस तारीख से थम सकते हैं ट्रेनों के पहिए, देखना है आगे क्या होगा
- पहले भी वह कई बार चेतावनी देकर आंदोलन के विकल्प पर पीछे हट चुके हैं शिवगोपाल मिश्रा
NEW DELHI. पुरानी पेंशन को लेकर तेज होते घमासान के बीच एक बार फिर से देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी गयी है. माना जा रहा है कि इस बार रेल कर्मचारी इस मांग को लेकर हड़ताल कर सकते हैं. इससे ट्रेनों के पहिए थमने का खतरा है.
शिवगोपाल मिश्रा, महासचिव, एआईआरएफ
पुरानी पेंशन की मांग को लेकर हड़ताल का आह्वान रेलवे कर्मचारियों के कई संगठनों ने मिलकर किया है. इसके लिए रेलवे एम्पलॉइज और वर्कर्स के विभिन्न संगठन जॉइंट फोरम फोर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले एक साथ आए हैं. फोरम ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो वे 1 मई से देश भर में रेलवे का परिचालन ठप कर देंगे. फोरम के कान्वेनर एआईआरएफ के महामंत्री और रेलवे यूनियन नेता शिवगोपाल मिश्रा हैं.
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पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर बने रेलवे यूनियंस के जॉइंट फोरम ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. बयान में सरकार पर आरोप लगाया गया है कि वह नई पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने की रेलवे कर्मचारियों की मांग पर ध्यान नहीं दे रही है. फोरम के अनुसार, ऐसे में उनके पास हड़ताल के अलावा और कोई चारा नहीं रह गया है.
फोरम के कंवेनर शिव गोपाल मिश्रा ने मीडिया को दिये बयान में कहा है कि ‘सरकार न्यू पेंशन स्कीम को हटाकर डिफाइंड गारंटीड ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की हमारी मांग को लेकर पूरी तरह से उदासीन है. अब हमारे पास डाइरेक्ट एक्शन लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है.’ हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब शिवगोपाल मिश्रा ने यह बयान दिया है. इससे पहले भी वह कई बार चेतावनी देकर आंदोलन के विकल्प पर पीछे हट चुके हैं.
अन्य ट्रेड यूनियन भी कर सकते हैं हड़ताल
मिश्रा रेल कर्मचारियों के संगठन ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी भी हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न रेल यूनियन के प्रतिनिधि फोरम के बैनर तले 19 मार्च को रेल मंत्रालय को नोटिस भेजकर प्रस्तावित हड़ताल के बारे में सूचित करेंगे, जिसमें मंत्रालय को बताया जाएगा कि हड़ताल के कारण 1 मई से देश भर में रेल सेवाएं बाधित हो सकती हैं. मिश्रा का दावा है कि विभिन्न रेल यूनियनों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के कई अन्य यूनियन भी प्रस्तावित हड़ताल में हिस्सा ले सकते हैं. एक मई का महत्व इस कारण भी बढ़ जाता है कि उसी तारीख को दुनिया भर में मजदूर दिवस मनाया जाता है.