- लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ट्रैकमैनों से बातचीत का वीडियो किया साझा
New Delhi. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रेलवे पर फोकस दिखाकर फिर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की टेंशन बढ़ा दी है. स्टेशन मास्टरों से मिलने के बाद से उत्पन्न गतिरोध अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि नेता प्रतिपक्ष रेलवे ट्रैक पर ट्रैकमैनों का हाल जानने पहुंच गये. राजनीतिक गलियारे में इसे राजनीति का नाम दिया जा सकता है. हालांकि राहुल गांधी के इस कदम ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को विचलित जरूर कर दिया है. उनकी टेंश्नन एक बार फिर से बढ़ी हुई है.
रेलमंत्री के मानसिक हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राहुल गांधी के ट्रैकमैनों से मिलने के ठीक बाद उन्होंने आनन-फानन में रेलवे ट्रैकमैनों को अपने यहां भोजन पर दावत दे दी. उसने बात की उनकी समस्याओं को जाना. रेलवे ट्रैकमैन नेताओं का कहना है कि रेलमंत्री को उनकी याद तब आयी जब राहुल गांधी उनके पास आये. इससे पहले अब तक रेलमंत्री को ट्रैकमैनों की याद तक नहीं आयी थी.
मंगलवार को राहुल गांधी ने इस बात का उल्लेख करते हुए हुए कि ट्रैकमैन भारतीय रेलवे के सबसे उपेक्षित कर्मचारी हैं, उनकी (ट्रैकमैन) समस्याओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया कि करोड़ों लोगों की सुरक्षित रेल यात्रा केवल उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही संभव है. गांधी ने दिल्ली छावनी रेलवे स्टेशन पर ट्रैकमैन के साथ अपनी हालिया बातचीत के एक वीडियो के साथ सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की.
कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में कहा, ‘रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में ‘न कोई ‘प्रमोशन’ है, न ही ‘इमोशन’ है. भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिलकर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला.’ उन्होंने कहा कि ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 किलोमीटर पैदल चलते हैं. गांधी ने कहा, ‘‘उनकी नौकरी ट्रैक पर ही शुरू होती है और वो ट्रैक से ही रिटायर हो जाते हैं. जिस विभागीय परीक्षा को पास कर दूसरे कर्मचारी बेहतर पदों पर जाते हैं, उस परीक्षा में ट्रैकमैन को बैठने भी नहीं दिया जाता.’’
देखें राहुल गांधी में एक्स पर क्या-क्या कहा
https://x.com/RahulGandhi/status/1830954361029034454
कांग्रेस नेता ने कहा कि ट्रैकमैन भाइयों ने बताया कि हर साल करीब 550 ट्रैकमैन काम के दौरान दुर्घटना के शिकार होकर जान गंवा देते हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘विपरीत परिस्थितियों में बिना बुनियादी सुविधाओं के दिन-रात कड़ी मेहनत करने वाले ट्रैकमैन भाइयों की इन प्रमुख मांगों को हर हाल में सुना जाना चाहिए.’ गांधी ने कहा कि काम के दौरान हर ट्रैकमैन को ‘रक्षक यंत्र’ मिले, जिससे ट्रैक पर ट्रेन आने की सूचना उन्हें समय से मिल सके.
उन्होंने कहा, ‘ट्रैकमैन को विभागीय परीक्षा के जरिए तरक्की का अवसर मिले. ट्रैकमैन की तपस्या से ही करोड़ों देशवासियों की सुरक्षित रेल यात्रा पूरी होती है, हमें उनकी सुरक्षा और तरक्की दोनों सुनिश्चित करनी ही होंगी.’ वीडियो में, गांधी ट्रैकमैन से उनके मुद्दों और सुरक्षा चिंताओं के बारे में जानते दिखते हैं.