- रेलवे ने क्षेत्रीय भाषा में उद्घोषणा करने की योजना को दिया मूर्त रूप
रांची. रेलवे ने क्षेत्रीय भाषाओं में स्टेशनों पर उदघोषणा की योजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है. इस क्रम में संथाल परगना क्षेत्र के सभी 6 जिलों एवं कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिला के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों पर सूचना व उद्घोषणा हिंदी के साथ संथाली भाषा में भी की जायेगी. इसके लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को 27 फरवरी को अनुरोध पत्र भेजा था. इसमें स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा संथाली भाषा में भी उदघोषणा करने का अनुरोध किया गया था. इसके अलावा स्टेशनों पर सूचना पट्ट पर ओलचिकी लिपि में भी रेलवे स्टेशन का नाम सहित अन्य सूचनाएं प्रदर्शित करने का अनुरोध किया था.
स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में संथाली भाषा को संविधान की अष्टम सूची में सम्मिलित किया गया था. झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र के सभी छह जिलों दुमका, देवघर, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा एवं साहिबगंज तथा कोल्हान क्षेत्र के पूर्वी सिंहभूम जिला में संथाल जनजाति समुदाय की बड़ी जनसंख्या है. इसे देखते हुए जिलों में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों/ विद्यालयों के नाम संथाली भाषा की लिपि ओलचिकी में भी लिखे जाने का निर्देश दिया गया है, ताकि संथाली भाषा-भाषी जनता को कठिनाई नही हो और वे भी सुगमता से कार्यालयों/ विद्यालयों की पहचान कर सकें.
इससे पहले कुछ जोन में रेलवे की ओर से क्रमवार हिंदी व अंग्रेजी के अलावा तीसरी भाषा का विकल्प राज्यों में प्रचलित बोली के मुताबिक दिया जाता रहा है. उनके अनुसार सभी प्रमुख स्टेशनों पर क्षेत्र विशेष को जाने वाली ट्रेन के मुताबिक उसी भाषा में उद्घोषणा कराने की नई शुरुआत साल 2012 के अप्रैल माह में की गयी थी. उसके अनुसार गोरखपुर, बिहार, झारखंड की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए यात्रियों को हिंदी व अंग्रेजी के साथ-साथ भोजपुरी भी उद्घोषणा की जाती है. वहीं पश्चिम बंगाल की ओर जाने वाली ट्रेनों के आने जाने के समय पर बांग्ला में भी उद्घोषणा होगी.