आईआरसीटीसी से जारी होगा टिकट, तत्काल और प्रीमियम कोटा के साथ नहीं होगा आरएसी बर्थ
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के बाद रेलवे विशेष ट्रेने चलाकर अपने राजस्व की सेहत सुधारने में जुट गया है. विशेष ट्रेनों के नाम पर राजधानी एक्सप्रेस चलाकर रेलवे यात्रियों से शुरुआती स्टेशन से अंतिम स्टेशन तक का पूरा किराया वसूल रहा है. इसमें यात्रियों को कोई अतिरिक्त रियायत नहीं दी जा रही. राजधानी से महानगरों के लिए विशेष 15 ट्रेनों का परिचालन शुरू करने के बाद अब चुनिंदा मार्ग पर मेल-एक्सप्रेस चलाने की भी तैयारी कर ली गयी है. रेलवे बोर्ड के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे शुरुआती स्तर पर विभिन्न मार्गों पर 300 से अधिक ट्रेनों को चलाने की तैयारी कर रहा है. इसमें मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें भी शामिल है. रेलवे बोर्ड ने बुधवार को जारी आदेश में वर्तमान में संचालित विशेष ट्रेनों और भविष्य में शुरू की जाने वाली सभी सेवाओं के लिए 22 मई से प्रतीक्षा सूची शुरू करने की बात कही है. हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन ट्रेनों में तत्काल और प्रीमियम कोटा के साथ आरएसी बर्थ भी नहीं होगी. नयी चलायी जाने वाले ट्रेनें मेल-एक्सप्रेस होंगी जिसमें शयनयान की बुकिंग की जायेगी.
रेलवे ने ट्रेनों के लिए प्रतीक्षा सूची की सीमा भी तय कर दी है. एसी थ्री टायर में अधिकतम 100, एसी टू टायर में 50, स्लीपर में 200, चेयरकार में 100 और फर्स्ट एसी व एक्जीक्यूटिव क्लास में 20-20 सीटें ही रखी जायेंगी. 22 मई से शुरू होने वाली यात्राओं के लिए 15 मई से बुक किए जाने वाले टिकटों पर यह सिस्टम प्रभावी होगा. रेलवे बोर्ड की ओर जोनों को जारी आदेश से अंदेशा जताया जा रहा है कि एसी ट्रेनों के स्थान पर अब सामान्य आरक्षण वाली सेवाओं को भी शुरू किया जायेगा. हालांकि चलायी जाने वाली ट्रेनों की सूची 24 घंटे के भीतर रेलवे जारी कर सकता है. शुरू की जानेव वाली सभी टे्रनों की टिकट बुकिंग भी सिर्फ आईआरसीटीसी से होगी. रेलवे बोर्ड के अनुसार श्रमिक और राजधानी स्पेशल की तर्ज पर अब मेल-एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनों के साथ शताब्दी स्पेशल और इंटर सिटी स्पेशल ट्रेनें भी चलायी जायेंगी. लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को गृह राज्य में पहुंचाने के लिए 1 मई से सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है. इसके बाद देश के 15 गंतव्यों के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है.
कोविड-19 को लेकर रोके गए सभी यात्री को मिलेगा पूरा रिफंड
कोरोना के संक्रमण के लक्षण वाले उन यात्रियों को रेलवे टिकट का पूरा किराया वापस करेगी जिन्हें उसके चलते यात्रा की अनुमति नहीं दी जायेगी. रेलवे स्टेशन पर सभी यात्री की स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से होगी. बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही ट्रेन में प्रवेश करने दिया जायेगा. स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी यात्री को तेज बुखार है या कोविड-19 के लक्षण दिखते हैं तो उसे कंफर्म टिकट होने के बावजूद ट्रेन में नहीं जाने दिया जायेगा. ऐसे में उसे पूरा रिफंड लौटाया जायेगा. इसके साथ ही ग्रुप टिकट के मामले में अगर एक यात्री ऐसी स्थिति में यात्रा करने के लिए अयोग्य करार दिया जाता है और दूसरे यात्री यात्रा रद्द करना चाहते हैं तो सभी को पूरा रिफंड दिया जायेगा. इसके लिए टीटीई से टीडीआर प्रमाणपत्र लेना होगा. बाद में आइआरसीटीसी उपभोक्ता के खाते में रिफंड के रुपये वापस करेगा.
रद्द टिकटों की शेष राशि भी लौटेगी, छह माह तक दाखिल करें टीडीआर
रेलवे ने 21 मार्च, 2020 से निरस्त टिकटों के निरस्तीकरण शुल्क की शेष राशि भी लौटाने का फैसला किया है. इसके लिए काउंटर से आरक्षण कराने वाले यात्रियों को मुख्य दावा अधिकारी या मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक के समक्ष आवेदन करना होगा. ई-टिकट के मामले में यह राशि स्वत: खातों में पहुंच जाएगी. आदेश के मुताबिक, 21 मार्च, 2020 से निरस्त ट्रेनों के काउंटर से जारी टिकटों का रिफंड लेने के लिए यात्री तीन दिन के स्थान पर अब यात्रा तिथि से छह माह के भीतर टिकट जमा करा सकेंगे. इसमें यात्रा की तिथि शामिल नहीं होगी. इस दौरान ट्रेन निरस्त नहीं होने, लेकिन इसके बावजूद यात्रा नहीं करने वाला यात्री भी 10 दिन के स्थान पर यात्रा तिथि से छह माह के भीतर टीडीआर दाखिल कर सकेंगे.