नई दिल्ली. देश के अलावा खासकर मुंबई में रेलवे को मानसून के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है. बारिश के मौसम में सभी आपातकालीन उपाय करने का निर्देश रेलमंत्री ने अधिकारियों को दिया है. मुंबई उपनगरीय रेलवे की तैयारियों और रोड मैप की समीक्षा करते हुए रेलमंत्री ने ट्रेनों के निर्बाध संचालन संबंधी योजनाओं पर भी फोकस किया. कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मानसून शुरू होने के साथ मुंबईवासियों को कोई असुविधा न हो.
उपनगरीय रेलवे की तैयारियों की समीक्षा करते हुए रेल मंत्री ने रेलवे को मानसूनी बारिश से निपटने में रेलवे की तकनीकी और सिविल कार्यों से जुड़ी पहल की कुशलता का अध्ययन करने के लिए आईआईटी मुंबई जैसे संस्थानों के साथ साझेदारी करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि रेल सेवाओं का निर्बाध तरीके से और लगातार सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए नवाचार और कठिन परिश्रम साथ-साथ चलने चाहिए.
#TelecomUpdate | सरकार ने सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए रेलवे को 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवंटन करने का फैसला किया है। इससे यात्रियों को क्या सुविधा मिलेगी देखिए ये रिपोर्ट। @aseemmanchanda | @deepalinanda pic.twitter.com/Z9LRAAQ9oE
— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) June 11, 2021
यह उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी के दौरान भी, रेलवे ने मुंबई में विशेष रूप से संशोधित ईएमयू रेक सहित 3 नो मक स्पेशल लगा करके उपनगरीय खंड से 2,10,000 घन मीटर मलवा/कचरा/मिट्टी को साफ करने का काम किया है. पिछले मानसून के समय आई बाढ़ वाली जगहों की पहचान की गई और प्रत्येक जगह जैसे: बांद्रा, अंधेरी, माहिम, ग्रांट रोड, गोरेगांव के अनुरूप समाधान तैयार किये गए थे.
बारिश के रियल टाइम और प्रामाणिक आंकड़े पाने के लिए चार ऑटोमेटिक रेल गॉज (एआरजी) आईएमडी के सहयोग से और दस एआरजी डब्ल्यूआर की ओर से स्वतंत्र रूप से लगाए गए. सीवरेज और सबमर्सिबल पंपों सहित ट्रैक और डिपो पर पंपों की संख्या में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.
बोरीवली विरार खंड में नाले की सफाई के सर्वेक्षण और निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया गया और भूमिगत नालियों की गहरी सफाई सुनिश्चित करने के लिए सक्शन/डी-स्लजिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया था. कम से कम जलभराव सुनिश्चित करने के लिए भूमिगत नालियों के निर्माण के लिए नई माइक्रो टनलिंग पद्धति को अपनाया गया. बैठक में रेलवे बोर्ड और मुंबई के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.