- UMRKS के नेता लगाते रहे एमडी के सामने गुहार, नहीं बनी बात, दलाल ने आधे घंटे में करा दिया रेफर
Pimp in Hospital. रेलवे में दलाल की भूमिका सिर्फ यात्रा टिकट मिलने तक ही सीमित नहीं है यहां हर विभाग में भी यह प्रथा कितनी प्रभावी है इसका एक नजारा प्रयागराज सेंट्रल रेलवे अस्पताल में देखने को मिला है. यहां एक गंभीर मरीज को रेफर कराने के लिए उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ (UTTAR MADHAYA RAILWAY KARMCHARI SANGH) के बड़े नेता सीएमएस से लेकर एमडी तक से गुहार लगाते रहे लेकिन बात नहीं बनी. हद तो तब हो गयी जब एक बिचौलिया सामने आया और आधे घंटे में मरीज को यशलोक हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया.
उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के स. महामंत्री रूपम पाण्डेय ने पूरे मामले को प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक, कानपुर को पत्र लिखकर सेंट्रल अस्पताल में चल रही दलाली की जानकारी दी है. रूपम पांडेय ने बताया है कि रेलवे हॉस्पिटल में मरीजो के रेफर करने में धांधली की जा रही है. एक गंभीर चोटिल मरीज के लिए उसके परिवार की सहमति से संघ के पदाधिकारियों ने डाॅ. एसएस नायक से रेफर करने के लिए वार्ता की लेकिन उन्होंने रेलवे कानून का हवाला देकर मना कर दिया. यह स्थिति यूनियन नेताओं की ही नहीं बल्कि अधिकारियों के साथ भी हो रही है.
इसके बाद यह बात एमडी के पास रखी गयी उन्होंने भी मरीज को रेफर करने में अपनी असमर्थता जतायी और इंकार कर दिया. दिलचस्प बात यह रही कि उसी दिन आधे घंटे बाद एक ही मेडिकल में सक्रिय एक तथाकथित दलाल से संपर्क करने पर मरजी को यशलोक हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. संघ ने पीसीएमडी के समक्ष दिये गये आवेदन में यह जानना चाहा है कि आखिर क्या वजह थी कि पहले मरीज को रेफर के लिए मना किया गया और फिर किस स्वार्थ की पूर्ति के बाद उसे तत्काल रेफर कर दिया गया.
संघ का आरोप है कि सेंट्रल हास्पीटल के लिए यह पहली घटना नहीं है. संघ के पास बहुत से उदाहरण है और संघ इस कृत्य की निंदा करता है. संघ की ओर से रूपम पांडेय ने अस्पताल की व्यवस्था को सवालों के घेरे में लाते हुए जांच की मांग की है और जोन के पीसीएमडी से वार्ता के लिए समय मांगा है. इस घटना की जानकारी महाप्रबंधक / उ.म.रे. /प्रयागराज, अखिल भारतीय महामंत्री / भारतीय रेल मजदूर संघ, नई दिल्ली, प्रदेश महामंत्री / भारतीय मजदूर संघ, उ.प्र. को भी दी गयी है.