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रेलवे बोर्ड ने कहा – पति-पत्नी की एक जगह पोस्टिंग में विलंब क्यों, लंबित मामलों को निपटाने का आदेश

रेलवे बोर्ड ने कहा - पति-पत्नी की एक जगह पोस्टिंग में विलंब क्यों, लंबित मामलों को निपटाने का आदेश
  • एचआरएमएस की डिजिटलीकरण प्रणाली के बाद लंबे समय तक लटकाने का कारण भी बताने का निर्देश 

NEW DELHI . रेलवे बोर्ड ने एक बार फिर से स्पष्ट किया है कि पति-पत्नी की पोस्टिंग (posting of husband and wife at one place) को एक स्टेशन पर करने के लिए आवश्यक कदम तत्काल उठाये जाये और इसे लेकर आये लंबित मामलों को जल्द से जल्द निस्पादित किया जाये. बोर्ड के नये आदेश के बाद अफसरशाही के पेंच में फंसे जीवन साथियों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है जो ट्रांसफर का आवेदन देकर अधिकारियों के कार्यालयों की दौड़ लगा रहे है.

इसे लेकर रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने जोनल रेलवे को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि कर्मचारियों के उनके जीवनसाथी के स्टेशन या पोस्टिंग स्थान पर स्थानांतरण के लंबित आवेदनों का निपटान शीघ्रता से किया जाये. पहले ही केंद्र सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि नौकरी करने वाले पति-पत्नी की एक साथ तैनाती नहीं होने पर काम और परिवार दोनों प्रभावित होते हैं.

रेलवे बाेर्ड ने जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि एचआरएमएस की डिजिटलीकरण प्रणाली के बाद ऐसे अनुरोध को लंबे समय तक लटकाने का कोई मामला नहीं बनता है. 17 अगस्त को 15 जोन के सभी  प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारियों को भेजे पत्र में यह बताया गया है कि रेलवे कर्मचारियों और यूनियनों के अनुरोध के बाद भी पति या पत्नी के ग्राउंड ट्रांसफर अनुरोधों में देरी की जा रही है.

रेलवे बोर्ड ने अधिकारियों को विलंब के कारणों को भी चिह्नित करने का आदेश दिया है. कहा कि अगर ऐसे मामलों में विलंब हो रहा है ताे इसकी जानकारी भी कारणों के साथ दी जानी चाहिए. रेलवे बोर्ट ने पिछले साल 20 अगस्त को इसी तरह का आदेश जारी कर पति और पत्नी के आधार पर स्थानांतरण के अनुरोधों के निपटान से संबंधित जानकारी मांगी थी. यह पता चलने के बाद कि पति-पत्नी के बीच जमीन हस्तांतरण के कई अनुरोध लंबित हैं, इसने पिछले साल छह सितंबर को जोनों को सभी मामलों के निपटारे के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश दिया.

यहां यह बताना हो कि 2 मार्च 2010 में, रेल मंत्रालय ने केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पति और पत्नी को एक ही स्टेशन पर तैनात करने की अपनी नीति में राहत दी थी. बोर्ड ने अपने निर्देश को यही बात दोहरायी है और जोनों से सभी नए और पुराने लंबित मामलों को सलटाने को कहा है.

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